सुपौल : कोरोना वायरस से बचाव के लिए शिक्षकों ने चलाया जागरूकता अभियान।

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एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति राज्य इकाई के आह्वान पर प्रखंड के शिक्षकों ने कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु लालगंज पंचायत में जागरूकता अभियान चलाया।जागरूकता अभियान का नेतृत्व कर रहे बीपीएनपीएसएस मूल के जिला उपाध्यक्ष सह समन्वय समिति के उप संयोजक महेश कुमार कुसियैत ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप से बचाव के लिए शिक्षकों द्वारा समाजिक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में लालगंज पंचायत के विभिन्न वार्डों में इस वायरस से बचने के तरीके को बताया गया।

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उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। बाहरी खाना खाने व बिना जरुरत के बाहर नहीं निकलना चाहिए। अपने हाथों को दिन में कई बार हैंडवाश या साबुन से सफाई करना चाहिए। पैक्स अध्यक्ष व समाजसेवी बबलू कुसियैत ने कहा कि शिक्षक हड़ताल में रहकर भी इस भयंकर महामारी के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे हैं जो काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सभी मांगें जायज है। सरकार को चाहिए कि जल्द शिक्षकों के मांगों को पूरा कर दे, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था सुदृढ़ हो सके।

प्रखण्ड सचिव नरेश कुमार मंडल ने कहा कि इस वायरस से मुक्ति को लेकर शिक्षक कमर कस चुके हैं। पूरे बिहार के लाखों शिक्षक इस संक्रमण से लड़ने के लिए विभिन्न वार्डों व प्रखंडों में घूम घूम कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखकर आम जनता के बीच इस संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान चलाने से हीं इस महामारी से बचा जा सकता है। आगे कहा कि शिक्षक लगातार 32 वें दिन भी हड़ताल पर रहते हुए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। संकुल समन्वयक डॉ श्याम सुंदर शर्मा, शंकर कुमार सुमन, हरि प्रसाद साह, राजेश कुमार मुखिया ने कहा कि इस संक्रमण रोग के खिलाफ जागरूकता लाने में मीडिया की बड़ी भूमिका रही है। लोगों को चाहिए कि खांसते या छिंकते समय रुमाल या टिशू पेपर का प्रयोग करे। इस बीमारी से डरने की नहीं लड़ने की जरुरत है। उन्होंने कहा हमारी आबादी ग्रामीण इलाकों से आती है। इसलिए शिक्षकों ने इस अभियान को सभी गांवों में जाकर चलाने का निर्णय लिया है। प्रखण्ड कोषाध्यक्ष पियूष कुमार पिंकू ने कहा कि स्वछता से हीं इस संक्रमण को भगाया जा सकता है। सभी शिक्षकों ने कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। शिक्षक एक महीने से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। लेकिन सरकार वार्ता के बजाय चुप्पी साध रखी है। शिक्षकों के वेतन भी बंद कर दिया गया है। फिर भी हम सभी शिक्षकों ने अपने पेट की परवाह किये बगैर इस आपदा से बचने की मुहिम चला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मांगें माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी। मौके पर शिक्षक चंदन कुमार चंदन, सुनिल कुमार सिंह, राजेश कुमार, राजकुमार कामत, दीपक कुमार,राम कुमार, पवन ठाकुर, विजय कुमार भारती, गिरानंद राम, दिनेश यादव, भागीरथ यादव, सत्य प्रकाश, संतोष कुसियैत, रेणु कुमारी, गीता कुमारी, पल्लवी कुमारी, वंदना कुमारी, माधवी कुमारी, कमला कुमारी, बेबी कुमारी, स्वेता कुमारी, समाजसेवी इंद्र नारायण कुसियैत, प्रमोद कुसियैत, जीतेन्द्र ठाकुर सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।

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