सोनू कुमार भगत
कोसी की आस@छातापुर,सुपौल।
रोशनी का पर्व दीपावली से एक दिन पहले ही छातापुर रंगबिरंगे झालरों और दीपों से जगमगा गया। शनिवार की रात से रविवार के अहले सुबह तक दीपों की रौशनी से बाजार जगमगाता रहा। शनिवार को बाजार दीपावली की पूजन सामग्री, पटाखा, दीया आदि की छोटी-मोटी दुकानों से भर गया। ग्राहक भी बाजार में जमकर खरीददारी कर रहे थे।
मुख्य बाजार, ब्लॉक चौक, बस स्टैंड में दीपावली की सामग्री का बाजार सजा था। मुख्य बाजार की झालर ने शहर की खूबसरती को बढ़ा दिया है।
शाम होते ही हर तरफ रंगीन बल्बों की एल0 ई 0 डी0 बल्व से जगमगाने लगी। बाजार स्थित मां काली मंदिर भी आकर्षण तरीके से सजा है। काली मेला को लेकर लोगों ने सड़क पर रोशनी का इंतजाम किया गया है। शनिवार की रात लोगों ने जम का दीया जलाया। रविवार शाम दीपावली के साथ वे हुक्का-पाती खेलेंगे। दोनों दीपावली से जुड़ी पोराणिक परंपरा है। पहले लोग घर के बाहर दरबाजे पर गोबर से बनी दीया जलाते हैं। दीपावली के दिन सनाठी का हुक्का-पाती बनाकर इसे घर की दीया से जलाकर बाहर करते हैं। इस दौरान वे हुक्का-पाती लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहार आदि दोहराते हैं। शाम को लक्ष्मी पूजन को लेकर सभी दुकानें और घरों को दुल्हन की तरह सजाकर पूजा की जाती है।