सोनू/अक्षय
कोसी की आस@सुपौल
जिले के पिपरा प्रखंण्ड के रामनगर पंचायत स्थित कौशली पट्टी गांव में दो दिवसीय कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ महेश्वरी यादव ने पहलवानों से हाथ मिलाकर किया। श्री यादव ने कहा कि कुश्ती हमारी प्राचीन संस्कृति है और ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी हमारे पूर्वजों की विरासत कुश्ती और कबड्डी जैसे शारीरिक बल व स्फूर्ति के खेलों में बाकी है, जो अब धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।
वहीं आज के युवा पहले खुले माहौल के खेलों की बजाय धीरे-धीरे इनडोर और अब कंप्यूटर खेलों तक सीमित होते जा रहा हैं। उन्होंने युवाओं से कुश्ती व कबड्डी को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि खेलों से जहाँ आपसी भाईचारा बढ़ता है, वहीं शारीरिक व मानसिक विकास भी होता है। उन्होंने कुश्ती अखाड़ा में मौजूद सभी पहलवानों से खेल की भावना से खेलने का आह्वान करते हुए कहा कि खेल में हार व जीत नहीं होती। जीत से जहाँ आगे बढऩे का जज्बा पैदा होता है, वहीं हार के बाद जीतने के लिए और कड़ा संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों का अधिक-से-अधिक होना जरूरी है क्योंकि ऐसे आयोजनों से समाज में एकता व भाईचारे का संदेश जाता है। प्रतियोगिता के प्रथम दिन कई जगहों से आए पहलवान जहाँ अपने दांव पेंच से प्रतिद्वंदी को पटकनी दे रहे थे, वहीं कुश्ती देखने आए लोगों का खूब मनोरंजन कर रहे थे। प्रतियोगिता में सोनू पहलवान बेहरारि ने रिबु सवार पहलवान को, अमजत उल्लाह पहलवान ने अभिमन्यु पहलवान नंदलाली को, राजकपुर पहलवान औराही ने नितीस पहलवान नंदलाली को, खुर्शिद पहलवान सुपौल ने संतोष पहलवान भतरंधा को, संदिप पहलवान कवयाही ने भीमशंकर पहलवान भतरंधा को, वैजू पहलवान गुड़िया ने मिश्रीलाल पहलवान लवटोल को, रामचंद्र पहलवान गुरिया ने दुलारे पहलवान सुपौल को, दीपक पहलवान खगरिया ने प्रमोद पहलवान भतरंधा को पराजित किया। दंगल में निर्णायक के रूप में महेश्वरी यादव थे। कुश्ती प्रतियोगिता को सफल बनाने में लालबहादुर साह, अविनाश बहादुर, शंभू कुमार, सोनू, रोहित, भवेश, संजीव, मुकेश आदि का सक्रिय थे।