सुपौल : R K पैलेश होटल सभागार में नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथिक साइंटिफिक विषय पर सेमिनार।

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सोनू/रवि
कोसी की आस@सुपौल

जिले के सदर बाजार स्थित R K पैलेस होटल सभागार में इलेक्ट्रो होम्योपैथिक साइंटिफिक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे देश भर से इस विषय के विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उदघाटन वरीय उप समाहर्ता अखिलेश झा एवं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आर एन सिंह ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया।

इस मौके पर मंडल आयोजक ने मौजूद अतिथि को पाग एवं शॉल से सम्मानित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथिक की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में रोग को ठीक करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
रोग के कारण के साथ-साथ इसे ठीक करने की प्रक्रिया के लिए भी मतभेद सामने आए हैं, कुछ कच्चे माल, निबंध, तेल, अर्क एवं विभिन्न पौधों के हिस्सों सहित विभिन्न दवाएं उपयोग में थीं। दवाओं की इस प्रणाली में एक पद्धति है, जिसे इलेक्ट्रो होमोपैथी के रूप में जाना जाता है। यह इटली में प्रसिद्ध है। भारतीय प्रणाली के समान है, जो पौधों के मूल, अर्क पर आधारित है।

काउंट सीज़र मैटी एक इटालीयन विद्वान ने एक सिद्धांत दिया, कि कोई भी बीमारी रक्त और लसीका के विकृति का परिणाम है, किसी भी पद्धति में ये दो तरल पदार्थ होते हैं,जो मनुष्य की जीवन रेखा के रूप में निरुपित किया गया है। इलेक्ट्रो होमोपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
जैसे कि ऊतक विनाश और खराबी इलेक्ट्रो होमोपैथिक के तहत नहीं होती है।

विशेषज्ञों ने आगे बताया गया कि इस समय भारत में करीब 25 लाख इलेक्ट्रो होमोपैथिक चिकित्सक हैं। बाबजूद इसके सरकार द्वारा इन्हें समुचित सुविधा और मान्यता नहीं दी जा सकी है। इसी बात को लेकर इस विधा के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जगह-जगह लोगो के बीच इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में बताया जा रहा है। इस मौके पर दवा का भी स्टॉल लगाया गया था। साथ ही उससे संबंधित जानकारी लोगो को दी गई।

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