सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड में लोक पर्व सामा-चकेबा को लेकर उल्लास का माहौल व्याप्त है। यह लोकपर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। जिसमें बहनें सात दिनों तक रोज सामा-चकेबा, चुगला आदि की मूर्ति बनाकर उन्हें पूजती हैं। हर दिन गीत-नाद होता है। इसे खासतौर पर मिथिलांचल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
पर्व को लेकर बहनें अपने भाई के लम्बी उम्र एवं सम्पन्नता की मंगलकामना करती हैं। सामा-चकेवा का पर्व पर्यावरण से जुड़ा पर्व भी माना जाता है। कार्तिक मास की पंचमी शुक्ल पक्ष तिथि से सामा-चकेवा की शुरुआत हो जाती है। इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर होता है।
यहां बतादे कि देवोत्थान एकादशी के दिन से ही इसकी शुरुआत की जाती है और पूर्णिमा के दिन नदियों व खेतों में इन मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है। उधर इस पर्व बच्चे भी काफी हर्षित बने रहते है।
एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल