फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे चयनित हुई सेविका के चयनमुक्त नहीं होने का आरोप

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एन के शुशील

कोसी की आस@छातापुर,सुपौल।

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जिले के छातापुर प्रखंड के ग्वालपाड़ा पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 282 के चयनित सेविका का शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी होने के आरोप के बाद भी विभागीय पदाधिकारी द्वारा अब तक उन्हें चयन-मुक्त नही किया गया है, ऐसा उसी पंचायत के सेविका पद के आवेदिका सरिता कुमारी का कहना है।

मामलें को लेकर ग्वालपाड़ा पंचायत के वार्ड 10 की निवासी सह सेविका पद के आवेदिका सरिता कुमारी  ने बाल विकास परियोजना कार्यालय से लेकर डीपीओ, डीएम तक शिकायत की है। आवेदिका का कहना है कि अब तक फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे सेविका बनने वाली रेणु कुमारी के खिलाफ कार्रवाई नही हुई है। सीडीपीओ को दिये आवेदन में सरिता ने बताया है कि अपने पोषक क्षेत्र से सेविका पद के लिये किये आवेदन में वह पहले नंबर पर थी, लेकिन फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे रेणु को प्रथम स्थान दिया गया।

सरिता ने बताया कि शिकायत के बाद जब रेणु का शैक्षणिक डिटेल संस्कृत शिक्षा बोर्ड से दिया गया, तब तक रेणु का चयन हो चुका था। सीडीपीओ कार्यालय द्वारा आवश्यक पड़ताल के बाद कार्रवाई करने संबंधी आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन दबाब में आकर अब तक न तो सेविका को चयनमुक्त किया गया है और न ही उनपर कोर ठोस कार्रवाई ही की गयी है। उन्होंने यहां तक कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र की पुष्टि होने के बाद उनके विरुद्ध केस भी दर्ज नही करवाया गया है। सरिता ने कहा कि इस मामलें में सारी जानकारी रहने के बाद भी डीपीओ द्वारा कोई पहल नही करना, उनकी भी संलिप्तता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि इससे यह प्रतीत होता है कि विभाग के कर्मी सारे नियम कायदे को मनमर्जी से चला रहे है। उधर, इस मामले में सीडीपीओ कोमा कुमारी ने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें नही है। मामलें को संज्ञान में लिया जाएगा।

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