सड़क नहीं तो वोट नहीं, जर्जर पुलिया और सड़क नहीं रहने से परेशान जनता का स्पष्ट ऐलान

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मामला सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत पथरागोर्धय पंचायत के बड़ेरवा ठाकुर टोला वार्ड नं0 15 का है। जहाँ बीते लगभग दस वर्षों से सड़क नहीं होने एवं पुलिया के जर्जर होने को लेकर तमाम लोगों ने
स्पष्ट रूप से ऐलान करते हुए कहा कि इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं।

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ग्रामीण जनता का आरोप है कि लगभग दस वर्ष बीतने को चला है। लेकिन आज तक कोई भी क्षेत्रीय प्रतिनिधि न तो हाल चाल तक पूछने नहीं आता है और न ही सड़क या पुलिया निर्माण के लिए कोई प्रयास किया है। अब चुनाव पास आया है तो नेता सब आने लगे हैं।

और चुनावी मौसम में सड़क पुलिया बनाने का वादा कर रहे थे लेकिन सड़क पुलिया तो दूर, पिछले बार जो जीत कर गए थे एक बार भी दर्शन देने तक नहीं आए। वहीं यह भी बताया कि अगर किसी महिला, पुरूष, बृद्ध अथवा बच्चे का तबियत खराब हो जाता है तो चार पहिया वाहन तो दूर की बात, साइकिल-मोटरसाइकिल से भी जाने लायक सड़क नहीं है।

कभी-कभी तो पाँव पैदल चलने वाले भी लुढ़क जाते हैं।
साथ ही गाँव की छात्र-छात्राओं ने बताया कि सड़क जर्जर रहने से हमलोगों को पढ़ने जाने में भी डर लगा रहता है।कभी-कभी तो विद्यालय जाने के क्रम में दुर्घटना भी हो चुकी है। कई बार दुर्घटना होने से चोटें भी लगी है।

वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि हमारे वार्ड में आज तक आंगनबाड़ी केंद्र अबतक नहीं बना है। छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ने में भी काफी दिक्कत होती है। जबकि सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत सभी वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र होना चाहिए। क्या कहें सुशासन बाबू की सरकार है। पदाधिकारी तो पदाधिकारी क्षेत्रीय प्रतिनिधि के भी वारे न्यारे हो रहे हैं। जनता का दुख दर्द देखने वाला कौन है? सभी अपने-अपने फायदे के बारे में सोचते हैं। सिर्फ चुनाव में जनता याद आती है।

नेताओं को जीत हांसिल करने के लिए जो भी हथकंडे अपनाने पड़े, पैर पकड़ना पड़े, हाथ जोड़ना पड़े या विकास के नाम पर झूठे वादे करना पड़े। तमाम तरीके अपना वोट ले लेते हैं और उसके बाद लापता।

एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल

 

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