जीवन मंगल कामना के साथ ही छठी मइया देती हैं, संतान प्राप्ति का सुख।

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सोनू/अक्षय
कोसी की आस@सुपौल।

मान्यता है कि छठी मइया का पवित्र व्रत रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। यश, पुण्य और कीर्ति का उदय होता है। दुर्भाग्य समाप्त हो जाते हैं। नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।
सूर्यदेव देते हैं निरोग का वरदान : सूर्यदेव सभी प्राणियों पर समान रूप से कृपा करते हैं। वे किसी तरह का भेदभाव नहीं करते। सूर्यदेव प्रत्यक्ष रूप से दिखने वाले एक मात्र भगवान हैं और सभी प्राणियों के जीवन के आधार भी। उनकी पूजा वैदिक काल से भी पहले से होती आई है। भगवान सूर्य अपने उपासक को आयु, आरोग्य, तेज, यश, वैभव और सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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भगवान सूर्य की उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि जो लोग सूर्यदेव की उपासना करते हैं, वे दरिद्र, दुखी और अंधे नहीं होते। इस त्योहार में सूर्यदेव के साथ छठी मैया की पूजा की जाती है। सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को देवसेना कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का प्रचलित नाम षष्ठी है। षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहा गया है। पुराणों में देवी का नाम कात्यायनी भी है। षष्ठी देवी को ही स्थानीय बोली में छठी मैया कहा गया है।

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