सात महीने बाद भी कोरेण्टाइन केंद्र संचालकों का भुगतान नहीं, संचालकों ने प्रशासन के विरोध में नारे के साथ किया सड़क जाम

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सुपौल : कोरोना से बचाव को लेकर सरकार द्वारा बृहद स्तर पर कोरेण्टाइन सेंटर का संचालन किया गया, लेकिन सात महीने के बाद भी कोरेण्टाइन सेंटर के संचालकों के लंबित राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है जिससे संचालक आक्रोशित हो गए हैं। संचालकों का कहना है कि विभागीय दफ्तर का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके है और परेशान हो कर हम मजबूर हैं। संचालकों ने आज एनएच 106 को पिपरा प्रखंड कार्यालय के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। नाराज कोरेण्टाइन सेंटर के संचालकों का आरोप है कि सेंटर के संचालन में उन लोगों ने अपनी पूंजी लगा दी लेकिन उन राशियों का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसके चलते वे लोग भुखमरी की समस्या से जूझने लगे हैं।

संचालकों ने कहा कि केंद्र के संचालन की राशि के भुगतान के लिए सरकार और विभाग द्वारा जो भी मानक तय किया गया उसे वे लोग पूरा किये हैं। बाबजूद इसके राशि का भुगतान नहीं किया जाना विभागीय मंशा को जाहिर कर रही है। आक्रोशित लोगों ने ये भी आरोप लगाया कि स्थानीय सिओ और जिला आपदा विभाग की उदासीनता के कारण उनका भुगतान अटका हुआ है। नाराज लोगों ने सड़क पर बैठ कर सड़क जाम कर दिया इस दौरान प्रशासन के विरोध में जमकर नारेवाजी भी किया।

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मालूम हो कि अप्रैल माह में सरकार के आदेश से कोरेण्टाइन सेंटर का संचालन करवाया गया था ,सेंटर के संचालन में विभिन्न मदों में लाखों रुपया संचालक का खर्च भी हुआ , विभाग द्वारा संचालकों को ये अस्वाशन मिला था कि विल बनाकर दीजिये भुगतान किया जाएगा, संचालकों ने विल भी बनाया जमा भी किया लेकिन सात माह गुजर जाने के बाद भी संचालक भुगतान के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

सूत्रों की माने तो पिपरा प्रखंड क्षेत्र में करीब 28 कोरेण्टाइन सेंटर का संचालन किया गया था, जिसमे से कुछ संचालकों को कुछ मदों की राशि का भुगतान किया भी गया लेकिन अधिकांश मदों के भुगतान के लिए आज भी कोरेण्टाइन सेंटर के संचालक दौड़धूप कर रहे हैं उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है। इधर जाम की सूचना पाकर पिपरा बीडीओ लवली कुमारी जाम स्थल पर पहुँची, जहाँ उन्होंने वरीय अधिकारी से मोबाइल पर बात कर जामकर्ताओं को आश्वासन दिया कि 30 तारीख तक उनलोगों का भुगतान किया जाएगा, जिसके बाद जाम हटाया गया।

एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल

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