रिपोर्ट:-बलराम कुमार/सोनू आलम, त्रिवेणीगंज (सुपौल)
सुपौल, त्रिवेणीगंज : सरकारी कर्मी द्वारा कानून को ताक पर रखकर मनमानी करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय क्षेत्र के कड़ाहरवा पंचायत के ओरहा वार्ड नं0 7 की है। 2017 में वार्ड नं0 7 में चल रहा आंगनबाड़ी केन्द्र को वार्ड नं0 9 में शिफ्ट किया गया। जिसमें काम कर रहे सहायिकाएं वार्ड नं0 7 की रंजू कुमारी थी। जिसे 21-06-17 में L S नमिता कुमारी ने लिखित आवेदन लेकर रंजू कुमारी को वार्ड नं0 9 आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्य करने के लिए आदेश दिया था। साथ ही L S नमिता कुमारी ने बताया की जब वार्ड नं0 7 में आंगनबाड़ी केंद्र सुचारू रूप से चालू होगा तो पुनः रंजू कुमारी को वार्ड नं0 7 में पदस्थापित कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा 2019 में सेविका-सहायिकाएं की बहाली निकाली गई तो L S नमिता कुमारी एवं L S प्रभा कुमारी द्वारा अपनी मनमानी करते हुए सर्वेक्षण कर वार्ड नं0 7 में ही बहाली का आदेश करवा दिया, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह नियुक्ति वार्ड नं0 9 में होनी चाहिए। ग्रामीणों के अनुसार यह कानूनी अपराध है, बहाली हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 20-06-19 तक ही थी।
पीड़ित रंजू कुमारी के द्वारा त्रिवेणीगंज, बाल विकास परियोजना कार्यालय में 12-06-19 को दिलीप चौबे (बड़ा बाबू) को आवेदन देकर वार्ड नं0 7 में सेविकाएं की बहाली को रोकने हेतु गुहार लगाई गई है, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाया है।
जब DPO राखी कुमारी से फोन पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि CDPO कार्यालय के जाँच के उपरांत बहाली निकाली गई है। वहीं CDPO अनिता चौधरी से फोन पर सम्पर्क किया गया तो बताया की LS द्वारा जाँच कर रिपोर्ट दिया गया था।
यहाँ सवाल यह है कि जब सहायिकाएं की जरूरत वार्ड नं0 9 में थी, तो वार्ड नं0 7 में बहाली क्यों निकाली गई? जबकि नियमानुसार सेविका एवं सहायिकाएं उसी वार्ड के होने चाहिए। अब देखना है कि सुशासन बाबू के सरकार में कानूनी राज चलती है या सरकारी कर्मी की मनमानी राज।