एन के शुशील
छातापुर प्रखंड के कुछ नदियों के साइड और तलहट्टी से अवैध रूप से बालू खनन करने का कार्य एक महीने से लगातार जारी है। लेकिन प्रशासन द्वारा अवैध रूप से नदियों से हो रहे बालू खनन को रोकने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई जा रही है। इसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। चुन्नी, झखारगढ़, माधोपुर, रामपुर आदि पंचायतों के सुरसर, गेरा और मीरचैया नदी से बालू का खनन होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है।
लोगों ने बताया कि ऐसा नही कि प्रखंड के नदियों से नित्य हो रहे बालू खनन की जानकारी अधिकारियों को नही है, लेकिन वह कार्रवाई से खुद ही दूर भागते दिखाई दे रहे हैं। जिससे बालू के अवैध कारोबार को रोकने में प्रशासन अक्षम साबित हो रहा है। लोगों ने कहा कि सभी जानते है कि नदियों से बालू खनन होने के बाद नदियों की धारा पानी आने के बाद बदलने लगती है। इतना ही नहीं तलहट्टी से बालू की खनन करने से नदी में पानी की स्थिति का भी अंदाजा नही रहता है। लोगों ने कहा कि नित्य उनके गांव की नदियों में ट्रैक्टर समेत कभी-कभी जेसीबी लगाकर भी बालू खनन का कार्य जारी रहता है।
लोगों ने कहा कि जब नदियों में हो रहे बालू खनन का स्थानीय लोग विरोध करते है तो ट्रैक्टर चालक और मजदूर खनन कार्य को बंद कर देते है, लेकिन अगले दिन फिर कोई दूसरा बालू खनन में जुट जाते है। लोगों ने यहाँ तक कहा है कि बालू खनन में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस सक्रिय नही है। लोगों ने कहा कि कई बार पुलिस को नदियों से हो रही बालू खनन की जानकारी दी गयी, लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नही हुई है। लोगों ने साफ तौर पर कहा कि इस अवैध खनन में कुछ अधिकारी समेत पुलिस भी संलिप्त है। इसलिए अब तक कोई कार्रवाई बालू खनन करने वालों पर नही हुई है। इसी वजह से बालू खनन कार्य से जुड़े लोगों का मनोबल दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और वे लोग मनमाने कीमत पर बालू की बिक्री करते है। ग्रामीणों ने बताया कि लोगों के पकड़े जाने पर सभी बालू खनन कर्ता स्वंय के घर में बालू की उपयोग करने की बात करते हैं। इससे यही प्रतीत होता है कि खनन कार्य से जुड़े सभी लोग पहले से बचने के जुगत लगाकर अवैध रूप से बालू खनन कार्य में भयमुक्त होकर लगे है। लोगों ने कहा कि प्रशासन को इस और गभीरतापूर्वक ध्यान देने की जरूरत है।