सुपौल : भूमि-विवाद में त्रिवेणीगंज न्यायालय के आदेश न माने जाने पर, पीड़ित का फिर से न्याय की गुहार

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सोनू आलम

जिले के बलुआ बाजार थाना क्षेत्र के ठूठी पंचायत वार्ड में विवादित जमीन पर जबरदस्ती घर बनाने को लेकर पीड़ित मो सकुर ने लोक शिकायत निवारण कार्यालय व आरक्षी उपाधीक्षक त्रिवेणीगंज में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। बावजूद इसके गृह निर्माण कार्य नहीं रुकने से पीड़ित न्याय के लिए दर-दर भटके रहे हैं। मामला दो पक्षो के बीच जमीनी विवाद से जुड़ा है। यह मामला त्रिवेणीगंज न्यायालय में वर्ष 2015 से ही चल रहा है, जहाँ द्वितीय पक्ष मो जसीम, मो सहीद, मो मिनताज, मो.रियाज, मो गयास के विरूद्ध त्रिवेणीगंज न्यायालय में भूमि विवाद को लेकर मामला चल रही है, के बावजूद भी प्रतिवादीगण कानुन को अपने हाथ में लेकर धड़ले से गृह निर्माण कार्य करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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पीड़ित का कहना है कि विवादित जमीन पर चल रही गृह निर्माण कार्य को लेकर त्रिवेणीगंज न्यायालय के द्वारा डी.बी. नंबर 880 दिनांक 21 जून 2019 को भींमपुर थाना को आदेश निर्गत करते हुए, गृह निर्माण कार्य पर अविलंम्ब रोक लगाने का आदेश निर्गत किया जा चुका है, के बावजूद गृह निर्माण कार्य नहीं रूक पायी है।

न्यायालय के आदेश का पालन न होते देख पीड़ित ने 6 जुलाई 2019 को लोक शिकायत निवारण कार्यालय त्रिवेणीगंज को लिखित आवेदन देकर उचित इंसाफ की मांग की है। साथ ही पीड़ित ने 10 जुलाई 2019 को आरक्षी उपाधीक्षक त्रिवेणीगंज को लिखित आवेदन देकर भी न्याय की गुहार लगाई है। आरक्षी उपाधीक्षक त्रिवेणीगंज को दिये हुए आवेदन में पीड़ित ने लिखा है कि मौजा ठुठी खाता 33 पुराना 217 नया 23 एवं 22 खेसरा 168 पुराना नया 216, 217, 322 रकवा दो कट्ठा 10 धुर जमीन पर अनुमंडल कार्यालय त्रिवेणीगंज में धारा 145 भी चल रही है, साथ ही अरोपी के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा भीमपुर थाना कांड संख्या 8/2015, 68/ 2017  व  67 /2019 चल रही है इसके वावजुद भी अनुमंडल दंण्डाधिकारी त्रिवेणीगंज के डी.बी. नंबर 880 दिनांक 21 जुन 2019 के द्वारा थानाध्यक्ष भीमपुर को यथाशीघ्र विधि सम्मत कार्रवाई करने हेतु आदेश निर्गत किया गया।

इस बाबत जब भीमपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद रवि से मामले के संदर्भ में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एसडीएम के द्वारा जारी किये गए निर्देश मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। कहा कि उक्त स्थल पर गृह निर्माण से सम्बंधित जानकारी भी मुझे नहीं दी गई है। अगर मुझे जानकारी मिलती तो निर्माण कार्य को रोका जा सकता था।

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