एन के शुशील
कोसी की आस@छातापुर, सुपौल
जिले के झखरगढ़ पंचायत के शिवनी बस्ती चौहान टोला के बीचों-बीच प्रवाहित होने वाली गेड़ा नदी में पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को चचरी पुल के सहारे नित्य जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। इसके बाबजूद ग्रामीणों की समस्या समाधान के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। इसके कारण इस क्षेत्र के बीमार मरीज को भी जैसे तैसे इलाज के लिए चचरी के सहारें ही अस्पताल ले जाया जाता है। जानकारी अनुसार गांव के मध्य भाग में नदी पड़ने के कारण दोनों भागों के लोगों को इस पार से उसपार नित्य आना-जाना पड़ता है, क्योंकि हाट भी नदी के इस पार ही है, जबकि स्कूल उसपार है।
ग्रामीणों ने बताया कि नित्य चचरी पुल के सहारे आवश्यक समान लेकर नदी पार करने में ग्रामीणों को काफी दिक्कत होती है, जबकि स्कूली बच्चों को भी चचरी के सहारें ही नित्य स्कुल जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को नदी के उस पार स्थित स्कूल भी भेजने में हमेशा भय बना रहता है।
बताया गया कि समस्या समाधान के लिए सांसद विधायक समेत पदाधिकारी का दरवाजा कई बार खटखटाया गया है, लेकिन समाधान के दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो सका है। लोगों ने कहा कि बारिश के समय इस चचरी पुल से आवागमन करने में काफी परेशानी होती है। खासकर शादी विवाह को लेकर इस पंचायत के लोगों को भारी दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने बताया कि सामने से दिखने वाला सीधा बाजार जाने के लिए लोगों को दूसरे रास्ते से घूम कर 6 किलो मीटर के बदलें 12 किलोमीटर की दुरी तय करनी पड़ती है। लोगों ने बताया कि पुल के आभाव में लोगों को काफी पीड़ा सहना पड़ता है। स्थानीय महेद सिंह, सर्वजीत सिंह, पिंकू कुमार, पंकज कुमार, प्रतिभा देवी, पंकज सिंह, मनोज कुमार, मुन्ना कुमार आदि ने कहा कि कई बार नदी में पानी के बढ़ने से चचरी पुल भी क्षतिग्रस्त होकर बह भी जाता है।