सोनू आलम /बलराम कुमार
जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय क्षेत्र के मंगल बाजार में डॉक्टर इन्द्रदेव यादव के निजी आवास पर क्लीनिक है। पीड़ित महेंद्र यादव, झरकहा वार्ड नं0 7 शंकरपुर, मधेपुरा का रहनेवाला ने बताया कि मेरे पिता विष्णुदेव यादव,उम्र करीब 60 वर्ष है, जो केंसर से पीड़ित हैं और उनका ईलाज पटना के अस्पताल से चल रहा है। उनकी अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने के कारण डॉक्टर इन्द्रदेव यादव के क्लीनिक पर लाया था।
डॉक्टर इन्द्रदेव यादव ने फीस एवं ईलाज के नाम पर 5 हजार रुपए का मांग की बोले, पहले रुपया जमा करो तब ईलाज होगा। मेरे द्वारा 5 हजार रुपए जमा कर दिया गया। तब डॉक्टर इन्द्रदेव यादव ने सिर्फ अपने लेटर पैड पर कुछ दवाई और सुई लिख दिया बोला घर चले जाओ वहीं ईलाज करवा लेना। मेरे पास सहायक या नर्स नहीं है। मेरे परिजनों द्वारा ईलाज नहीं करने का विरोध कर रुपया वापस मंगा गया, तो डॉक्टर ने फोन कर पुलिस को भी बुलाया और धमकी भी देने लगा, बोले कि तुम्हारे ऊपर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजवा देंगे। पुलिस भी आई तो उनलोगों ने हमलोगों को ही डांट कर भगा दिया। तब मैंने SDM विनय कुमार सिंह को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। SDM विनय कुमार सिंह ने सिर्फ आश्वासन दिया कि मैं जाँच करवाता हुँ।
आगे श्री यादव ने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन इस घटना ने मुझे झकझोर दिया। SDM साहेब भी सिर्फ जाँच के आश्वासन दिए। यह नहीं की गरीबों की त्वरित मदद की कार्यवाही की जाय। उसमें भी तब जब गरीब मजदूर केंसर से पीड़ित है।
सुशासन बाबू के राज में यही सब चलता है? एक रिपोर्ट के अनुसार एक भी डॉक्टर फीस एवं ऑपरेशन के नाम पर कोई पक्का बिल भी नहीं देते हैं ताकि टैक्स चोरी की जाय और गरीब, मजदूर, किसानों को गन्ने की रस के तरह चूस लेते हैं। अब देखना है की पीड़ित को, कब तक न्याय मिल पाता है।