सुपौल : पूल नहीं बनने के कारण, चचरी पुल से आवागमन करने को मजबूर ग्रामीण

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एन के शुशील

आजादी के लगभग 72 वर्ष बाद भी जिले के छातापुर के झखरगढ़ पंचायत के शिवनी बस्ती चौहान टोला के बीचों-बीच प्रवाहित होने वाली गेड़ा नदी में पुल नहीं होने के कारण, लोगों को चचरी पुल के सहारे नित्य जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। उक्त बाबत आमलोगो की समस्या समाधान के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। सबसे ज्यादा समस्या इस क्षेत्र के बीमार मरीज को इलाज के लिए कहीं बाहर ले जाने में होता है, बीमार व्यक्ति को भी जैसे-तैसे इलाज के लिए चचरी के सहारें ही अस्पताल ले जाया जाता है।

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जानकारी अनुसार गाँव के मध्य भाग में नदी पड़ने के कारण दोनों भागों के लोगों को इस पार से उसपार आना-जाना पड़ता है, क्योंकि हाट नदी के इस पार है और स्कूल उसपार है। लोगों ने बताया कि चचरी पुल के सहारे आवश्यक समान लेकर नदी पार करने में लोगों को काफी दिक्कत होती है। स्कूली बच्चों को भी चचरी के सहारें ही नित्य स्कुल जाना पड़ता है, बच्चों को नदी के उसपार स्थित स्कूल भी भेजने में हमेशा भय बना रहता है। समस्या समाधान के लिए सांसद, विधायक समेत पदाधिकारी का दरवाजा कई बार खटखटाया गया है, लेकिन समाधान के दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो सका है। लोगों ने कहना है कि बारिश के समय इस चचरी पुल से आवागमन करने में ज्यादा परेशानी होती है। साथ ही खासकर शादी विवाह या किसी बड़े समारोह को लेकर इस पंचायत के लोगों को भारी दिक्कत होती है। लोगों ने बताया कि सामने से दिखने वाला बाजार जाने के लिए लोगों को दूसरे रास्ते से  घूम कर 6 किलो मीटर  के बदलें 12 किलोमीटर की दुरी तय करनी पड़ती है। स्थानीय महेंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह, पिंकू कुमार, पंकज कुमार, प्रतिभा देवी, पंकज सिंह, मनोज कुमार, मुन्ना कुमार आदि ने कहा कि कई बार नदी में पानी के बढ़ने से चचरी पुल भी क्षतिग्रस्त होकर बह जाता है,  इस प्रकार स्थायी पुल के आभाव में लोगों को काफी पीड़ा सहना पड़ता है। “कोसी की आस” टीम क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों से आग्रह करती है कि ग्रामीणों के इस मूलभूत समस्या के समाधान हेतु आवशयक कार्यवाही जल्द प्रारंभ की जाय।

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