सुपौल : बिहार के सरकारी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं।

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सोनू आलम

कोसी की आस@बलुआ बाजार,सुपौल

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एक तरफ जहाँ राज्य सरकार बिहार के सरकारी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नित्य नये-नये नियम कानून पारित कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी विद्यालय में तैनात शिक्षक सरकार के नियम कानून और शिक्षा व्यवस्था का खुलेआम मखौल उड़ा रहे हैं। ताजा मामला बसन्तपुर प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुलसीपट्टी का है। जहां स्कूलों में तैनात शिक्षक अपनी सुविधानुसार विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों के मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब कुछ विद्यालय में तो छात्रों के उपस्थिति क्लासरूम के बदले प्रधानाध्यापक के आफिस में ही दर्ज कर सारा कागजी खानापूर्ति पूरी कर ली जाती है।

इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सहित 5 शिक्षक हैं जबकि मौके पर 3 शिक्षक उपस्थित पाए गए। वही उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुलसीपट्टी के शिक्षा बव्यस्था और छात्रों के शारिरिक और बुद्धिक विकास के लिये सरकार के द्वारा चलाया जा रहा मिड डे मील अभियान भी यहाँ के छात्रों को मुँह चिढ़ाती नजर आ रही है। साफ सफाई की व्यवस्था इस विद्यालय में दूर दूर तक दिखाई नहीं देता है। इस विद्यालय में कुव्यवस्था इस कदर व्याप्त है कि बच्चों को नीचे गंदे फर्श पर ही बैठाकर पढ़ाया जाता है। इस दौरान छात्र सचिन कुमार, नितेश कुमार ने बताया कि हमलोगों को मजबूर होकर गंदे फर्श पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। वही इस विद्यालय का शिक्षा व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं दिखती है।

बच्चे विद्यालय समय में भी बाहर मैदान पर खेलते हुए अक्सर नजर आ जाते है। वही छात्रों की उपस्थिति पंजी देखने के बाद पंजी खाली पाया गया। जबकि मध्यान भोजन भी बिना छात्रों के आंकड़ो के ही बनाया जाता है। जब इस संबंध में प्रभारी शिक्षक सुनील कुमार से पूछा गया तो उनका जवाब भी हैरान करने वाला था। उनका कहना था कि हम बच्चों को बिना गिने ही देखकर अंदाजा लगा लेते है। उस हिसाब से बच्चों का मिड डे मील तैयार करते है। जब छात्रों की उपस्थिति पंजी 1 बजे तक नही बनाए जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा आज थोड़ा लेट हो गया। जब रसौईया मंजू देवी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि रोज की तरह आज भी अंदाज के हिसाब से ही बन रहा है। मास्टर साहब के द्वारा कितनी बच्चो का खाना बनाना है, वो कभी बताया नहीं जाता है। इधर, जिस प्लेट में छात्रों को भोजन कराया जाता है, वो भी इधर-उधर गंदी जगह पर फेका हुआ दिखाई दे रहा था। रसौईया मंजू देवी से पूछने पर बताया खाना खाने के समय में प्लेट धोकर बच्चो को देते हैं। इस विद्यालय में कुल कितने बच्चे अध्यनरत है, यह पूछने पर प्रभारी शिक्षक बताने में असमर्थता जाहिर कर दी। वहीं स्कूल के विधि व्यवस्था को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि हम स्कूल में नहीं होते हैं तो स्थिति गड़बड़ हो जाती है, जब हम रहते हैं तब आईये। गुरुवार 1 बजे तक कुल छात्रों की उपस्थिति मात्र 76 ही थी। वही इस संदर्भ में बसन्तपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अनिता देवी ने बताया कि मेरा अभी कुछ दिन पहले ही पदस्थापन हुआ है। हम इस मामले में जाँच कर कार्रवाई करेंगे।

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