सोनूआलम बलराम कुमार
कोसी की आस@त्रिवेणीगंज, सुपौल
संसद में तीन तलाक अधिनियम पास होने के बाद संभवतः ये पहला मामला होगा जब तीन तलाक से पीड़ित महिला ने सदर महिला थाने पहुँची न्याय के लिए गुहार लगाया हो। अब देखना दिलचस्प होगा कि संसद में तीन तलाक अधिनियम पास होने के बाद इस मामले में कानून से पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है।
दरअसल सुपौल में फोन पर तीन तलाक देने के मामले को लेकर पीड़ित महिला न्याय की गुहार लेकर महिला थाना पहुंच न्याय की गुहार लगा रही है। मालूम हो की तीन साल पहले सदर थाना क्षेत्र के महेशपुर की रहने वाली पीड़ित महिला फर्जाना की शादी सुपौल जिला के बसबिट्टी के रहनेवाला इकरामूल से हुई थी। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। पिछले साल फर्जाना ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद से ही ससुराल वाले खफा रहने लगे थे, हालंकि उस बच्ची की किसी कारण बस ग्यारह माह के बाद मौत हो गयी। फर्जाना ससुराल में ही रहती थी।
इस बीच 20 जुलाई को फर्जाना ने दो बच्ची को जन्म दिया, जिसके बाद से ही ससुराल वाले काफी गुस्से में थे। अस्पताल से छुट्टी के बाद जैसे ही फर्जाना ससुराल पहुँची ससुराल वाले खरी-खोटी सुनाने लगे। हद तो तब हो गयी जब बाहर रह रहे पति इकरामूल ने फोन पर तीन तलाक दे दिया। दरसल इक्रामूल ने अपने परिजन को फोन कर कहा कि वह फोन को स्पीकर ऑन करे और उसके पत्नी फर्जाना को भी वहां बुलाए जिसके बाद फोन पर तीन तलाक दे दिया गया।
तीन तलाक के बाद पीड़िता ने अपने नवजात दोनों बच्ची को लेकर अपने मैके वालों के साथ महिला थाने पहुंच गयी है और थानाध्यक्ष से न्याय की गुहार लगाई। इधर पीड़िता के पिता ने ये भी आरोप लगाया है, उसे थाना जाने पर फर्जाना के ससुराल वालों ने धमकी भी दिया है।