सुरसर नदी में बांध नहीं रहने के कारण हर साल सैकड़ों एकड़ में लगी फसल होता है बर्बाद

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सुपौल जिले के छातापुर प्रखण्ड के कई पंचायतों से होकर सुरसर नदी गुजरी है। जिस पर बांध नहीं रहने के कारण हर साल सैकड़ों एकड़ जमीन और फसल सुरसर नदी की तेज धारा में विलीन हो जाता है। उक्त बातें सम्बद्ध पंचायत मोहम्मदगंज के हसनपुर व डहरिया, चुन्नी के ग्रामीणों ने कही।

ग्रामीणों ने कहा कि सुरसर नदी के पानी की तेज धारा के कारण महम्मदगंज (हसनपुर), चुन्नी, धीवहा, डहरिया के किसानों और ग्रामीणों को हर साल भारी क्षति का सामना करना पड़ता है। हसनपुर निवासी शंभू नारायण यादव और डहरिया निवासी विजय कुमार भारती ने बताया कि हर साल वे लोग काफी मेहनत से फसल लगाते हैं। लेकिन सुरसर नदी की तेज धारा सब मेहनत पर पानी फेर देता है। बताया कि नदी की तेजधारा मे किसानों के खेतिहर जमीन और फसल दोनों नदी में कट- बह जाता है।

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स्थानीय ग्रामीण रामचंद्र यादव, आलोक कुमार अकेला, पवन यादव, संजीव यादव, विजय यादव, राजकुमार यादव, प्रीतम नारायण मंडल, रामेश्वर मंडल, अंबिका मंडल, शत्रुघ्न मंडल,रणधीर कुमार,आमोद कुमार, योगानंद यादव,ओम प्रकाश कुमार, शिव नारायण मंडल, प्रमोद यादव, इंदु यादव, सुशील कुमार,रामकुमार यादव, दिनेश्वर मंडल, रंजीत कुमार मंडल,विध्यनंद मंडल, मंटु कुमार, शंभू पासवान,देवन पासवान,राजकुमार पासवान, रमेश साह, दिनेश साह, नंदकिशोर साह, सोमी रजक, बासुदेव यादव,सुरेन्द्र यादव,महेश्वर रजक आदि ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों से की गई। लेकिन आज तक किसी ने इस जटिल समस्या के समाधान के प्रति ध्यान देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कहा कि खासकर जुलाई से सितंबर माह में हर साल सुरसर नदी में बढ़े जलस्तर के कारण ये समस्या उत्पन्न होती है।

सोनू कुमार भगत
कोशी की आस@सुपौल

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