सोनू आलम
सुपौल- देश भर में लगातार कई वर्षों से एक ही समुदाय खासकर बेकसूर मुसलमानों के साथ माबलिंचिंग की जा रही है। हालांकि कुछ जगहों पर मुसलमानों के आलवे दूसरे समुदाय के लोगों को भी माबलिंचिंग का शिकार बनाया गया है। केन्द्र की सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिए हुए निर्देश का पालन करना चाहिए, ना कि जगह-जगह भीड़तंत्र बनाकर बेकसूरों की हत्या करने वाले उन्मादियों का समर्थन। लगातार माबलिंचिंग में बेकसूरों की हत्या की जा रही है, जिसमें पुलिस प्रशासन की भुमिका भी किसी आतंकी भेड़ियों से कम नहीं है। उपरोक्त बातें खादिम ए मजलिस खलीकुल्लाह अंसारी ने कहते हुये माबलिंचिंग के खिलाफ 3 जुलाई को महद्दीपुर जामा मस्जिद चौक पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
पुलिस कस्टडी में थर्ड डिग्री देकर मार दिया जा रहा है। केन्द्र की सरकार बताए कि यह कानून का राज है? और यही लोकतांत्रिक देश है? क्या यह सबका साथ सबका विकास है? देश से बाहर यहाँ के कुछ चैनल ऐंकर चीख-चीख कर कहते हैं कि भारत से ज्यादा अल्पसंख्यक, दलित कहीं सुरक्षित नहीं जबकि यह सरासर गलत है। भारतीय मुसलमान एवं दलित दहशत में हैं और कब किसकी हत्या कर दी जाए यह कहना मुश्किल है। घर से निकलने के बाद घर सुरक्षित लौटने की गारंटी नहीं है। ऐसे में लोकतांत्रिक देश, संविधान वाला देश कहने में भी शर्म महसूस होता है। कुछ वर्षों से लागातर भारतीय मुसलमानों को एकतरफा टारगेट कर मारा जा रहा है। देश की दोगली, गोदी मिडिया इसे दिखा नहीं रही है और खुदको चौथा स्तंभ बताती है। कभी किसी भी बेगुनाह को रास्ते में कोई भी झूठा इल्जाम लगाकर मार दिया जाता है, कभी किसी मौलवी को ट्रेन से फेंक दिया जाता है, कभी किसी को जय श्री राम का नारा नहीं लगाने पर जान से मार दिया जाता है, कभी किसी को गाय के नाम पर मार दिया जाता है, कभी किसी के घरों को लूट लिया जाता है, कभी किसी की ढ़ाढ़ी नोंच ली जाती है, कभी किसी का दुपट्टा और नकाब खिंच लिया जाता है, कभी किसी को जबह कर जला दिया जाता है, कभी किसी को खंबें में बांधकर मार दिया जाता है और हद तो यह है कि इन सारी घटनों को अंजाम देने वाले दरिंदे आतंकवादी विडियो बनाकर जनता में वायरल भी कर देता है। सरकार पूरी तरह से समर्थन करती है या फिर इस तरह के भेड़िए दरिंदे आतंकवादियों के सामने नतमस्तक बन चुकी है। उक्त बातें खादिम ए मजलिस खलीकुल्लाह अंसारी ने मिडिया से बात करते हुए कही।
श्री अंसारी ने कहा कि इन्हीं सारी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने, माबलिंचिंग पर अविलंब कानून बनाने और केन्द्र सरकार से जितने बेकसूरों की अब तक हत्या की गई है, सभी को मुआवजा एवं परिवार के सदस्यों को नौकरी देने की मांग, माबलिंचिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों को फाँसी के फंदे तक पहुँचाने के लिए 3 जुलाई, 2019 को शाम 5 बजे जामा मस्जिद चौक महद्दीपुर बाजार धरना स्थल से एक विरोध जुलूस निकाला जायेगा। यह जलूस जामा मस्जिद चौक से निकलकर पंचायत भवन हरिहरपुर तक प्रोटेस्ट मार्च के रूप में निकलेगा और पुनः जामा मस्जिद चौक पहुँच कर सभा में तब्दील हो जायगा। सभा के समापन के अगले दिन 4 जुलाई 2019 को प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा। इस विरोध जुलूस में बड़ी संख्या में माधोपुर, महद्दीपुर, हरिहरपुर, इंदरपुर, फतेहपुर सहित छातापुर प्रखण्ड के सभी समुदाय के लोग शामिल होंगे।