मामला सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत सरकारी वन विभाग से संबंधित है। लगातार हो रहे वर्षा के कारण त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय स्थित वन विभाग में जल जमाव के कारण हालत बद से बतदर।
करोड़ों रुपए का लगा वृक्ष जल जमाव के कारण नष्ट होने की कगार पर पहुँच गया है।
त्रिवेणीगंज कृषि भवन के पास वन विभाग के देखरेख में लगे गार्ड से पूछा गया कि जल का जमाव हो गया है, सभी वृक्ष तो नष्ट हो जाएंगे। तो गार्ड ने बताया कि जल का निकासी नहीं है। गार्ड ने ये भी बताया कि वरीय पदाधिकारियों को दूरभाष पर सूचना दे दिया गया है। लेकिन अभी तक पदाधिकारी नहीं आए हैं।
वहीं बघला स्थित वन विभाग के देखरेख करने वाले चंदन कुमार से जल जमाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वन विभाग के परिसर में लगे जल को मशीन से निकालने का कोशिश किया जा रहा है।
वहीं वन विभाग के रेंजर अर्जुन प्रसाद गुप्ता से दूरभाष पर सम्पर्क जल जमवाड़ा के बारे में बताया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ नहीं होगा। वृक्ष नहीं नष्ट होगा। एक तरफ सुशासन बाबू जल जीवन हरियाली में करोड़ों खर्च कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ करोड़ों रुपए का जल जीवन हरियाली के तहत लगाए वृक्ष नष्ट होने की कगार पर है।
अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू के राज में वन विभाग के पदाधिकारी करोड़ों रुपए की वृक्ष को बचा पाते हैं या ऐसे हीं नष्ट होते रहेंगे।
एन के शुशील
कोशी की आस@सुपौल