वैश्विक संकट की घड़ी में डॉ. रणधीर बने प्रवासी बिहारियों के मददगार।

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कोरोना वायरस (Covid-19) के बढ़ते संक्रमण और आशंकाओं के मद्देनजर पूरी दुनिया खौफ में है। भारत सरकार ने एहतियात के तौर पर पूरे देश में लॉक डाउन कर रखा है। जसके कारण सारे लोग घर में बंद हैं। साथ हीं लोगों को सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है। इन सबके बीच लॉक डाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फँसे बिहारी छात्र, फैक्टरी के कामगार, राजमिस्त्री और दिहाड़ी कमाने वाले अप्रवासी मजदूर को सोशल साइट से मदद भी मिल रही है।

राजकीय बबुजन विशेश्वर बालिका उच्च माध्यमिक (+2) विद्यालय, सुपौल के लोकप्रिय शिक्षक डॉक्टर रणधीर कुमार ‘राणा’ ने अपने फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्वीटर के माध्यम से इस लॉक डाउन में बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फंसे सैकड़ों अप्रवासी बिहारियों की मदद की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जारी नम्बर को अपने फेसबुक एकाउंट पर अपलोड कर सुविधाओं से लाभान्वित होने का आग्रह किया तथा किसी भी असुविधा हेतु सहायता के लिए अपने व्हाट्सएप नम्बर पर संपर्क करने को कहा। जिसपर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में फंसे बिहारीयों ने मदद की गुहार लगाई। तत्क्षण डॉक्टर राणा ने स्थानीय आयुक्त बिहार भवन, न्यू दिल्ली एवं आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव से संपर्क कर संबंधित जिला के स्थानीय प्रशासन के सहयोग से करीब 300 से अधिक लोगों को खाने-पीने और रहने का हरसंभव मदद किया है। जो अतुलनीय है।

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डॉक्टर राणा ने कहा कि इस विपदा की घड़ी में मानव का सेवा करना हीं मेरा धर्म है। इस तरह का कार्य में मेरे जिंदगी के प्राथमिक सूची में रहता है। उन्होंने बिहार सरकार के कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि ये सारा कार्य मंत्री जी के सहयोग से संभव हो पाया क्योंकि आपदा बिभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत जो ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव भी हैं। यही कारण रहा कि सहयोग का शतप्रतिशत समाधान हो पाया।अब बिहार के लोग चैन की सांस ले रहें हैं, यही मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है।

एन के सुशील
कोशी की आस@सुपौल

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