स्पेशल डेस्क
कोसी की आस@बिहार
गया के बहुचर्चित “मगध सुपर 30” में आरके श्रीवास्तव लगाएंगे अपना रिकॉर्ड्स 251वां नाईट क्लासेज। यह नाईट क्लासेज बेहद ख़ास इसलिए नहीं है कि इस बार का नाईट क्लासेज 12 घंटे का नहीं बल्कि रिकॉर्ड्स 15 घंटे का होगा बल्कि इस नाइट क्लासेज का आयोजन “मगध सुपर 30” के गुरुकुल में हो रहा है। शनिवार दोपहर 2 बजे से अगले दिन यानि रविवार सुबह 5 बजे तक लगातार 15 घंटे गणित का गुर सिखायेगे आरके श्रीवास्तव।
मैथेमैटिक्स गुरू के गणित पढ़ाने के तरीके के कायल हुए “मगध सुपर 30” के छात्रों को अगले शनिवार को भी लगातार 15 घंटे पूरे रात गणित का गुर सिखायेगे आरके श्रीवास्तव।प्रत्येक शनिवार को पूरे रात नाईट क्लासेज के माध्यम से “मगध सुपर 30” के छात्रों को निःशुल्क गणित की शिक्षा देने का फैसला किया है श्री आरके श्रीवास्तव ने।
गुरुकुल का जीता जागता स्वरूप माना जाने वाला “मगध सुपर 30”, जो बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद के मागदर्शन में चल रहा है। यहाँ शिक्षा से गरीब छात्रों के भविष्य को संवारा जाता है। “मगध सुपर 30” पिछले 10 वर्षों में आईआईटी और आईआईटी जैसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में 200 से ज्यादा गरीब बच्चों को भेज चुका है।
“मगध सुपर 30” सिर्फ कहने के लिए गुरुकुल का जीता जागता स्वरूप नहीं है बल्कि इसकी कार्यप्रणाली इसे गुरुकुल का सच्चा स्वरूप होने का प्रमाण देती है। इस संस्थान का टैग लाइन है, ‘समाज के लिए और समाज के द्वारा’। बिहार के गया में मौजूद यह संस्थान समाज के दबे, कुचले और पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए वाकई किसी भगवान के मंदिर से कम नहीं। यहाँ निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ रहने और खाने की सुविधा भी मुफ्त मुहैया कराई जाती है। और इस मंदिर का संचालन समाज के कुछ चंद लोगों से जो गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए अपना कीमती समय और कुछ रुपए जेब से निकालने में परहेज नहीं करते, द्वारा किया जाता है।
इतना ही नहीं विद्या के इस मंदिर में यतीमों और अनाथ को भी सहारा मिलता है। सुविधाओं से महरूम बच्चे एक-दूसरे के लिए हर समय मदद को तैयार रहते हैं। इसलिए इन बच्चों में “कॉम्पीटिशन विद कॉपरेशन” की भावना कूट-कूट कर भरी हुई देखने को मिलेगी। इन अनाथ बच्चों की मदद करते 10 साल पुराने इस संस्थान की हकीकत दिल को छू जाती है।
गरीब छात्रों के मसीहा माने जाने वाले आरके श्रीवास्तव से गणित पढकर “मगध सुपर 30” के छात्रों का बढा काॅन्फिडेन्स लेवल
पिछले शनिवार को आरके श्रीवास्तव ने टारगेट बैच के छात्रों को पूरे रात लगातार 12 घंटे Algebra, Determinant और Matrices को पढ़ाया। थ्योरी के बाद पिछले 40 वर्षों के आईआईटी मेन और एडवांस मे पूछे गये प्रश्नों को हल कराया। इस बार छात्रों के उत्साह को देखते हुए लगातार 15 घंटे गणित का गुर सिखायेगे आरके श्रीवास्तव। 3-d Geometry और vector का क्लास अगले शनिवार को “मगध सुपर 30” मे लेंगे आरके श्रीवास्तव ।
चर्चित शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने पिछले शनिवार को “मगध सुपर 30” में नाईट क्लासेज के द्वारा लगातार 12 घंटे गणित की शिक्षा दिया। आगे भी लगातार आरके श्रीवास्तव गणित की पाठशाला लगाते रहेगे। आरके श्रीवास्तव से आईआईटी प्रवेश परीक्षा हेतु गणित का गुर सिखकर छात्रों में एक अलग लेवल का काॅन्फिडेन्स बढा है। चुटकुले सुनाकर खेल-खेल में जादूई तरीके से गणित पढाने की कला लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से खिलौने बनाकर थ्योरी को समझाना अद्भुत, अविश्वसनीय और अकल्पनीय है।
नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा का अलख जगा रहा “मगध सुपर 30”, संवर गयी है अबतक सैंकड़ों छात्रों की जिंदगी
पटना से चलनेवाले “सुपर 30” और “मगध सुपर 30” दोनो लगभग एक साथ प्रारम्भ हुआ था। लेकिन आज हम रूबरू कराते हैं एक बहुचर्चित “मगध सुपर थर्टी” से, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों के सैकड़ों बच्चों का जीवन संवर चुका है। यह सिलसिला लगातार आज भी जारी है।
दरअसल बिहार के तत्कालीन डीजीपी अभयानंद के मार्गदर्शन में शहर के कुछ समाजसेवियों द्वारा गया में वर्ष 2008 में “मगध सुपर थर्टी” की स्थापना की गई थी, उद्देश्य था नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों का भविष्य संवारना। यह शिक्षण संस्थान गुरुकुल के तर्ज पर संचालित होता है। बच्चे एवं बच्चियों को यहां नि:शुल्क पढ़ाया जाता है. उनके लिये भोजन, किताबें इत्यादि की व्यवस्था समाज की ओर से दी गयी आर्थिक मदद से की जाती है। शहर के कई ऐसे लोग हैं जो नियमित रूप से इस संस्थान को आर्थिक सहायता देते हैं।
शहर के नामचीन शिक्षक अपनी सेवाएं मुफ्त में देते हैं। बच्चों का ईलाज और दवाईयां शहर के चिकित्सक मुफ़्त मुहैया कराते हैं। समाज के इस दरियादिली का एहसान संस्थान के बच्चे जी तोड़ मेहनत कर अपनी सफलता के परचम लहराकर चुकाते हैं। अभी तक सैकड़ों बच्चे यहाँ से पढ़कर आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल होकर अपना जीवन संवार चुके हैं। मगध सुपर थर्टी के सचिव पंकज कुमार बताते हैं कि जिन बच्चों ने यहां से पढ़कर बेहतर जॉब पाया है, अब वे भी संस्थान को आर्थिक मदद कर रहे हैं तथा छुट्टियों में वे भी संस्थान के बच्चों को पढ़ाने आते हैं।
संस्थान के सीनियर बच्चे अपने जूनियर को पढ़ाते हैं। यही नहीं पूर्व डीजीपी अभयानंद के द्वारा भी रात में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाता है। संस्थान में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। इस संस्थान की बदौलत जिले के घोर नक्सल इलाका ईमामगंज थाना क्षेत्र के कई बच्चों ने भी इंजीनियरिंग में सफलता पाई है।
ज्ञान से व्यक्ति बनता है, अधिक समझदार—
आरके श्रीवास्तव ने छात्रों को शिक्षा के दौरान बताया कि दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए शिक्षा ही एकमात्र साधन है, क्योंकि यह अकेले दिमाग को रोशन करने की शक्ति देती है, आरके श्रीवास्तव ने कहा कि यह जीवन कौशल को ही नहीं सिखाती, बल्कि समाज के वंचित वर्गो में पीढ़ीगत परिवर्तन लाने में भी सक्षम है।
आरके श्रीवास्तव ने कहा, ‘ज्ञान के साथ, व्यक्ति अधिक समझदार हो जाता है’ और तर्क से सब कुछ देखना शुरू कर देता है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्माण, साथी मनुष्यों के प्रति सम्मान, भेदभाव को दूर करने और विश्वास की कमी को समाप्त कर समाज को मजबूत करता है। उल्लेखनीय है कि आरके श्रीवास्तव को गरीबी के खिलाफ शिक्षा का उपयोग करके सामाजिक परिवर्तन लाने के प्रयासों के लिए दर्जनों पुरस्कार मिल चुके है।
“मगध सुपर 30” के मार्गदर्शक अभयानंद ने आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए धन्यावाद और बधाई दिया। उन्होंने कहा कि मेधावी बच्चों को पढ़ाई में जो भी मददगार हो सकते हैं, उन्हें उनकी मदद की जानी चाहिए।
आरके श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चें अपनी मेहनत और प्रतिभा से प्रदेश ही नहीं देश में एक बार फिर नाम रौशन करेंगे, ऐसी उम्मीद है।