स्पेशल डेस्क
कोसी की आस@नई दिल्ली
हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन को रविवार को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। अमिताभ ने सम्मान पाने के बाद सभी का धन्यवाद किया। अमिताभ बच्चन को राष्ट्रीय फिल्म समारोह के दौरान पिछले सोमवार को ही यह सम्मान लेना था। लेकिन उन्होंने कहा था कि खराब सेहत के चलते वह यात्रा नहीं कर सकते और वह सम्मान लेने के लिए वहां उपस्थित नहीं हो पाएंगे। यह पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से दिया जाता है। 1969 में इस पुरस्कार का गठन किया गया। इसके तहत एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये नकद दिए जाते हैं। अमिताभ बच्चन को 2018 के लिए दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है।
अवॉर्ड लेने के बाद अमिताभ बच्चन ने उन्हें दादासाहेब पुरस्कार के योग्य समझने के लिए भारत सरकार, सूचना व प्रसारण मंत्रालय, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के जूरी के सदस्यों का आभार जताया।
साल 1969 में ही दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का गठन हुआ था और संयोग देखिए अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत भी 1969 में फिल्म ‘ सात हिंदुस्तानी ‘ के साथ की थी।हालांकि यह फ़िल्म उतनी चली नहीं। अमिताभ बच्चन को भी करियर की शुरुआत में कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ा था। मगर साल 1973 में जंजीर फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। फिल्म से उनकी इमेज इंडस्ट्री में एंग्री यंग मैन के रूप में स्थापित हई। उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने अंत में कहा कि, जाने से पहले एक छोटी सी बात कहना चाहूंगा, अगर आपकी आज्ञा हो तो। जब मुझे यह पुरस्कार देने की घोषणा हुई तो मन में संदेह उठा कि क्या कहीं ये मेरे लिए संकेत है कि भाई साहब आपने बहुत काम कर लिया अब आप घर बैठिए। लेकिन अभी बहुत काम बाकी है जिसे पूरा करना है और आगे ऐसी संभावनाएं बन रही हैं जहां मुझे काम करने का अवसर मिलेगा। तो यदि इसकी पुष्टि हो जाए तो बड़ी बात होगी होगी।
हालांकि, करियर में एक समय ऐसा भी आया था, जब अमिताभ बच्चन आर्थिक परेशानियों से घिर गए थे और उनकी कंपनी काफी कर्ज में डूब गई थी। लेकिन उसी दौरान वो साल 2000 से टीवी पर प्रसारित होने वाले चर्चित गेम शो ‘ कौन बनेगा करोड़पति ‘ के होस्ट बने और साथ ही फ़िल्म मोहब्बतें से वापसी की। उसके बाद तो उन्होंने कामयाबी का जो नया इतिहास रचा शायद ही उससे कोई अनजान हो।