बैंक की नौकरी छोड़, करने लगे कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए विश्व के सभी देश की मैराथन में भाग लेकर न सिर्फ विश्व रिकॉर्ड बनाया बल्कि उससे जुटाये गए धनराशि को कैंसर पीड़ितों की मदद भी की। विश्व के हर देश की मैराथन में हिस्सा लेने वाले इस पहले व्यक्ति ने 22 महीनों में कुल 5130 मील दौड़े। दोस्त से प्रेरित होकर कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए अपनी बैंक की नौकरी छोड़ी और महज़ 96 हफ्तों में 196 देशों की मैराथन में दौड़कर न सिर्फ विश्व रिकॉर्ड बनाया बल्कि इंग्लैंड के निक बटर ने 2.30 करोड़ रुपए जुटाकर पीड़ितों की मदद के लिए दान करे का निर्णय किया।
लंदन
निक बटर ने अपने कैंसर पीड़ित दोस्त और उसके जैसे अन्य रोगियों की मदद के लिए असंभव को संभव करने का निर्णय किया। 2 साल पहले मैराथन के जरिए दुनिया का चक्कर लगाने जैसे कार्य के लिए निक निकल पड़े और बीते रविवार को उनका यह जुनून या सपना पूरा हो गया। वे दुनिया के पहले ऐसे शख्स बन गए हैं, जिन्होंने धरती के भारत सहित सभी 196 देशों की मैराथन में महज 96 हफ्तों में हिस्सा लिया हो।
निक बटर बताते हैं कि बात 2016 की है, मोरक्को में प्रोस्टेट कैंसर पीड़ितों के लिए फंड जुटाने के लिए एक मैराथन रखी गई थी। मैं उस वक्त 30 वर्ष का था और वहीं मेरी मुलाकात केविन वेबर से हुई थी। केविन ने बताया था कि उन्हें अंतिम स्टेज का कैंसर है। केविन ने मुझसे कहा, ‘कैंसर होने का इंतजार मत करो।’ केविन के इन्हीं शब्दों ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया। केविन की बातों से मैं बहुत प्रभावित हुआ और बैंक की नौकरी और सूट-बूट छोड़कर ट्रैक सूट पहनकर ऐसे पीड़ितों के लिए राशि जुटाने का फैसला किया। निक के अनुसार अभियान की शुरुआत जनवरी 2018 में कनाडा से की गई। और सहारा रेगिस्तान और अंटार्कटिका समेत सात महाद्वीपों की मैराथन में 5130मील दौड़े। यानी पिछले 96 हफ्तों के दौरान औसतन हर हफ्ते 3 नए देशों में तीन मैराथन दौड़े। इन 675 दिनों में 51 लाख कदम दौड़कर उन्होंने 15 लाख कैलोरी जलाई। यही नहीं, इस दौरान मुझे 10 पासपोर्ट और 120 वीजा लेने पड़े, साथ ही 196 देशों की यात्रा के दौरान 201 फ्लाइट ली, 45 ट्रेन यात्राएं की, 15 बस और 280 टैक्सी यात्राएं करनी पड़ी। इस बीच मैं कार से दुर्घटनाग्रस्त हुआ, कुत्तों ने काटा, कोहनी टूट गया लेकिन मैंने हार नहीं माना। कुल 22 महीने बाद अंतिम मैराथन में रविवार को एथेंस में दौड़ने वाले निक ने इस दौरान 2.30 करोड़ रुपए से अधिक रुपए जुटा लिए हैं। यह राशि वे कैंसर पीड़ितों को दान करेंगे। उन्होंने बताया कि मैराथन के दौरान उन्होंने दुनियाभर के 2000 लोगों के फोन नंबर लिए हैं। वे दो किताबें लिखने की योजना बना रहे हैं, जो वर्ष 2020 और 2021 में आएगी। निक मैराथन के संदर्भ में 16 से 18 जुलाई 2019 बीच भारत में थे।
‘आज ही उठो और अपने सपनों का पीछा शुरू कर दो’
निक वेबर कहते हैं कि ‘आपको कभी पता नहीं चलेगा कि आपका समय कब खत्म हो रहा है। इसलिए आज ही उठो और अपने सपनों का पीछा करना शुरू कर दो।’ निक अपने सफर को अविस्मरणीय अनुभव करार देते हुए बताते हैं कि इस सबकी योजना बनाने में 2 साल लगे। शुरुआत में यह चुनौतीपूर्ण लगी, पर मैंने हिम्मत नहीं हारा।
साभार- दैनिक भास्कर