देश के प्रधानमंत्री द्वारा, तमाम बड़े बड़े डॉक्टर (विशेषज्ञ) द्वारा, बुद्धिजीवी द्वारा ये कहना कि यथा संभव हमलोग अपने घर में ही रहें बाहर बिल्कुल न निकलें, लेकिन हमलोग अपनी आदत से बाज नहीं आने वाले हैं। अभी भी कुछ लोग मोर्निंग वॉक के लिए निकल रहे हैं तो कोई जॉगिंग के लिए। मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि ये खुद को क्या समझते हैं। बड़े बड़े देशों के डॉक्टर का तो इस कोरोना जैसी बीमारी ने तो पसीना उतार दिया है फिर भी अभी तक सफलता नहीं मिली है और इन भाई साहब को मोर्निंग वाक और जॉगिंग की पड़ी है। कुछलोगों से तो ये सुनने में ये आया कि ये बीमारी गांव नहीं आएगी ये शहर तक ही रहेगी।
शायद वे भूल में हैं अब ये बीमारी धीरे धीरे गांव में भी अपना पैर पसार रही है। यह बीमारी अब तेजी से बढती जा रही है। पिछले चौबीस घंटे में 135 नए मामले सामने आए और संक्रमितों का आंकड़ा 11 सौ को पार कर गया है। इनमें विदेशी नागरिक और वायरस के चलते जान गंवाने वाले भी शामिल हैं। हालांकि थोड़ी सकून की बात ये है कि 99 लोग अब तक स्वस्थ भी हो चुके हैं लेकिन ये आंकड़ा बहुत ही कम है। रविवार को गुजरात और जम्मू-कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई है और मरने वालों की संख्या 27 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के मुताबिक देश में अभी तक कोरोना वायरस के 1,123 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महाराष्ट्र में छह, गुजरात में पांच, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में दो-दो और केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, बंगाल और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।