स्पेशल डेस्क
कोसी की आस@नई दिल्ली
बेहतर सिबिल स्कोर के लिए बिल और लोन का भुगतान समय पर जरूरी
बैंक से लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर अच्छा होना जरूरी है। इससे ही जुड़ी है सिबिल रिपोर्ट और क्रेडिट रेटिंग। आइये जानते हैं किस तरह सिबिल स्कोर और रिपोर्ट्स अच्छी रख सकते हैं।
क्रेडिट रिपोर्ट में कई पैमानों पर ऋण लेने वाले को जांचा जाता है, इसमें सबसे जरूरी व्यक्ति के लोन चुकाने के ट्रेंड की जानकारी है। अगर व्यक्ति पुराने लोन का ईमानदारी से भुगतान करता हुआ आया है तो बैंक भी उसे नया लोन देने में दिलचस्पी दिखाते हैं। भारत में मुख्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां है-
1. सिबिल-क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड अर्थात सिबिल एक ऐसी संस्थान है जो बैंको, संस्थाओं को और आम व्यक्तियों की लोन लेने की क्षमता की जांच करती है और उसके आधार पर क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट जारी करती है। लोन और क्रेडिट कार्ड से सम्बन्धित भुगतान के रिकॉर्ड बैंकों द्वारा हर महीने सिबिल के पास जमा किये जाते हैं और यही जानकारी किसी भी व्यक्ति के सिबिल स्कोर का आधार बनती है। इसमें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है। इसमें क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट, उनके पेमेंट का स्टेटस और उन्हें चुकाने में बचे दिन का सिलसिलेवार उल्लेख होता है। इसकी रेंज 300 से 900 के बीच होती है और 750 या उससे अधिक का स्कोर रखने वाले
व्यक्ति को लोन के लिए सरक्षित समझा जाता है।
*2. क्रीफ हाई मार्किट क्रेडिट इनफॉर्मेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड- क्रीफ भी आरबीआई द्वारा स्वीकृत एक क्रेडिट ब्यूरो है। यह रिटेल, कृषि और ग्रामीण, एमएसएमई, वाणिज्यिक और माइक्रो-फाइनेंस में कार्य करता है।
*3.एक्सपेरिअन पीएलसी- एक्सपेरियन एक मल्टीनेशनल क्रेडिट रिपोर्ट कंपनी है ।एक्सपेरियन 300 से 850 की रेंज में स्कोर अलॉट करती है।
4. एक्वीफैक्स – यह कंपनी विश्व की तीन सबसे बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में शामिल है। इसका मुख्यालय अमेरिका में है। एक्वीफ्लेक्स एक व्यक्ति का स्कोर 0 से 1200 के बीच निर्धारित करती है।
सिबिल स्कोर इन बातों पर निर्भर करता है
1. भुगतान का इतिहासः आपके भुगतान इतिहास का आपके स्कोर पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। हर महीने समय पर अपने क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की ईएमआई का भुगतान करना महत्वपूर्ण है।
2. क्रेडिट उपयोगिता अनुपातः जानकारों के अनुसार 30% से ऊपर अपनी क्रेडिट लिमिट का उपयोग करना सही नहीं मन जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि आपकी क्रेडिट लिमिट 1,00,000 रुपए है तब भी आपको 30,000 तक ही लिमिट का उपयोग करना चाहिए।
3. कई बार क्रेडिट के लिए अप्लाई करनाः लोन के विषय में बार बार पूछताछ करना एक नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। यदि आपका ऋण या क्रेडिट कार्ड आवेदन हाल ही में अस्वीकार कर दिया गया है, तो तुरंत ऋण के लिए आवेदन न करें।
4. सही क्रेडिट मिश्रणः सिक्योर्ड और अन-सिक्योर्ड ऋण का एक सही संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एक ही तरह के लोन की अधिकता भी आपके सिबिल -स्कोर के लिए सही नहीं है।
5.बकाया ऋणः आपको हमेशा आपके बकाया ऋण का भुगतान समय से करना चाहिए। किसी पेमेंट को उसकी देय डेट के बाद भी होल्ड कर के रखना सही नहीं है।
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