स्पेशल डेस्क
कोशी की आस@नई दिल्ली
बीते रविवार को जनता कर्फ्यू की सफलता के बाद से, देश के कई राज्यों ने पूरे शहर में लॉकडाउन कर दिया गया था और अब बीती रात प्रधानमंत्री के नवीन घोषणा जिसके तहत सम्पूर्ण भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है। क्या आप लॉकडाउन और कर्फ्यू में अंतर जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि इससे हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर क्या असर पड़ेगा?
लॉकडाउन
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन एक आम शब्द बन गया है और बीती रात प्रधानमंत्री के नवीन घोषणा जिसके तहत सम्पूर्ण भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसका मतलब है कि लोगों को घर से निकलने से रोकने के लिए एक बड़ा कदम। इस दौरान यदि आपको घर से निकलने के लिए प्रमाण की ज़रूरत पड़ती है। लॉकडाउन आपको एक ही जगह पर रहने के लिए मजबूर करता है और आप एक जगह से बाहर या दूसरी जगह पर प्रवेश नहीं कर सकते। हालांकि, इस लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने, दवाइयां या ऐसे ही ज़रूरत के सामान पर रोक नहीं लगती है। यह भी एक तरह का कर्फ़्यू है।
कर्फ्यू
कर्फ्यू एक सख्त जनादेश है जो लोगों को सड़कों से दूर रखता है। यह राज्य के नियमों के अनुसार और आपातकालीन स्थितियों में घोषित किया जाता है। इसके दौरान लोग निर्धारित घंटों के लिए घर के अंदर रहने पर मजबूर होते हैं। कर्फ्यू का अनुपालन न करने पर जुर्माना या गिरफ्तारी भी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर 22 मार्च, रविवार को किया गया जनता कर्फ्यू वास्तविक कर्फ्यू से काफी अलग था। जनता कर्फ्यू खुद नागरिकों द्वारा लगाया गया कर्फ्यू था। ऐसी स्थिति के दौरान, भले ही सभी को सार्वजनिक स्थानों पर या बाहर न निकलने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसका अनुपालन न करने पर कोई दंड नहीं था।
आखिर क्या पड़ता है असर?
वर्तमान लॉकडाउन के दौरान आपको किराने का सामान, दूध, सब्ज़ी लेने, डॉक्टर के पास जाने जैसी सभी आवश्यक गतिविधियां करने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। आपातकालीन सेवाओं में काम करने वाले लोग प्रतिबंधों में शामिल नहीं हैं। बेहतर है कि अपने स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी नियमों का पालन करें। ग़ैर-आवश्यक स्थानों को बंद किया जा सकता है जिसमें स्कूल, कॉलेज, व्यवसाय, मंदिर, मस्जिद आदि शामिल हैं। यहां तक कि परिवहन पर भी रोक लग सकती है, लेकिन वायरस कितनी तेज़ी फैल रहा है, ये उस पर निर्भर करता है।
कोरोना वायरस जैसा खतरनाक संक्रमण भारत में अभी तक करीब 500 से अधिक लोगों में हो चुका है, जबकि इस संक्रमण के चलते कुल 10 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं, देश में कुल 37 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं और उन्हें डिसचार्ज कर दिया गया है। कोरोना वायरस की वजह से इटली, स्पेन और फ्रांस जैसे देशों में लॉकडाउन कर दिया गया है। चीन ने भी वुहान से लॉकडाउन की शुरुआत की थी और इससे कोरोना के मामलों को काफी हद तक रोकने में मदद मिली। यह वही शहर है जहां से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई।