ठंड से ठिठुर रहे भिखारी को देख जब अधिकारी ने गाड़ी रोकी, तो भिखारी, निकला अधिकारी का बैचमेट

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घटना मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले की है। जिले के डीएसपी अनिल सिंह तोमर और विजय सिंह भदौरिया जब ग्वालियर में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के बाद झांसी रोड से गुजर रहे थे तो जैसे ही दोनों बंधन वाटिका से गुजर ही रहे थे तो उनकी नजर एक ठिठुरते हुए व्यक्ति पर पड़ी। दोनों ने गाड़ी को रोका और जब उस व्यक्ति के पास गये तो उसके बाद जो कुछ भी पता चला वो अजीब इत्तेफाक था….

एक अधिकारी ने जहाँ अपने कपड़े उस भिखाड़ी को पहनाये तो वहीं दूसरे ने अपने जूते उस भिखाड़ी को पहनाया। उसके बाद उन्होंने जब उस भिखाड़ी से बात करना शुरू किया तो उसके बाद दोनों हतप्रभ रह गए। बातचीत के दौरान पता चला कि भिखारी डीएसपी अनिल सिंह तोमर का बैचमेट था।

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भिखारी पिछले 10 सालों से गायब था। उनका नाम मनीष मिश्रा है। वह एक पुलिस ऑफिसर के साथ साथ अचूक निशानेबाज भी था। वह मध्यप्रदेश के विभिन्न थाने में अपनी सेवा भी दे चुका है। बताया जा रहा है कि मनीष जब दतिया में 2005 में पोस्टेड था तब उसकी मानसिक स्थिति खराब रहने लगी। उनके घरवालों ने कई जगह उनका इलाज भी करवाया लेकिन श्री मिश्रा ठीक नहीं हुये।

साथ ही बताया जा रहा है कि मिश्रा का इलाज जहां जहां कराया गया वो वहां से भाग जा रहे थे। कुछ दिनों बाद घरवालों द्वारा पता लगाने के बावजूद मिश्रा का कोई अता पता नहीं चला। उनके बाद उनकी पत्नी ने भी तलाक ले लिया। और इस प्रकार श्री मिश्रा भीख मांगकर अपना जीवन गुजरने लगे। बाद में दोनों अधिकारियों ने एक समाजसेवी संस्था से बातकर मनीष को वहां भेजवाया जहां उनकी देखभाल की जा रही है।

स्पेशल डेस्क
कोशी की आस@पटना

सोर्स: गूगल न्यूज़

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