क्या आपने ट्रेन के सफर में कभी इस्तेमाल किया है भारतीय रेल द्वारा दिया गया कम्बल/ब्लैंकेट…

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भारत में यात्रा करने के मुख्य संसधान के रूप में आज भी रेल से सफर को अच्छा माना जाता है। क्योंकि आज भी अधिकांश लोग हवाई जहाज के मुकाबले रेल से ज्यादा सफर करते हैं।अच्छा इसलिए भी क्योंकि दुनियां की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश की आबादी को एक जगह से दूसरे जगह इतनी सुगमता और आसानी से पहुचाती है। भारत में तकरीबन 2.5 करोड़ लोग भारतीय रेल से प्रत्येक दिन सफर करते हैं। हम में से अधिकांश लोग कभी न कभी AC ट्रेन में सफर करते हैं और सफर करते वक्त भारतीय रेलवे द्वारा दिए जाने वाले ब्लैंकेट, बेडशीट और तकिए का इस्तेमाल हम, आप सबने ज़रूर किया होगा। रेलवे के सभी बेडशीट और तकिए रोज़ाना धुलते हैं और तभी यात्रियों को दिए जाते हैं। हालांकि, मुंबई-दिल्ली राजधानी या अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में मिलने वाले ब्राउन या काले रंग के मोटे ब्लैंकेट महिने में सिर्फ एक ही बार धुलते हैं।

भारतीय रेल दुनियां की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है लेकिन जब बात सुविधा की होती है तब कई बार ऐसा देखा गया है कि भारतीय रेल सुविधा के नाम पर कहीं खड़ी नजर नहीं आती है। इस बात की पुष्टि एक RTI से होती है, जिसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इससे पता चला है कि भारतीय रेल के ऐसी(AC) कम्पार्टमेंट में दी जाने वाली ब्राउन (Brown) और रेड (Red) कलर की ब्लैंकेट की सफाई महीने में सिर्फ एक बार होती है। वहीं, सफ़ेद रंग कि बेडशीट और पिलो कवर की सफाई हर रोज़ होती है।

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इस बात का खुलासा खुद रेलवे द्वारा आरटीआई के जवाब में किया गया , जिसे RTI कार्यकर्ता जतिन देसाई ने मांगा था। 64 वर्षीय देसाई दिल्ली से मुंबई ट्रेन से जा रहे थे जब उन्होंने आरटीआई करने के बारे में सोचा, उन्होंने कहा कि “मैं बराबर यात्रा करता रहता हूं और कभी-कभी मैंने इन ट्रेनों में फटे और गंदे/बदबूदार कंबल देखे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि मेरा एक दोस्त एक बार मेरे साथ ही यात्रा कर रहा था। वह अपने साथ खुद का कंबल लेकर आया था। जब मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों फिर उसने कहा कि वह कंबल साफ होने पर भरोसा नहीं करता है। उसके बाद मैंने सोचा कि क्यों न RTI से इसकी जानकारी प्राप्त की जाय। चुकि ये देश की प्रीमियम ट्रेनें हैं, इसलिए मैं जानना चाहता था कि ये कंबल कितनी बार धोए जाते हैं इसलिए मैंने RTI दायर किया।

भारतीय रेल द्वारा दिया गया जबाब

64 वर्षीय जतिन देसाई ने दायर RTI में भारतीय रेल से सवाल किया था कि भारतीय रेल की सभी प्रमुख रेलों और प्रीमियम रेल में दी जाने वाली ब्राउन और ब्लैक ब्लैंकेट की सफाई कितने दिनों में की जाती है, जिसके जवाब में भारतीय रेल ने बताया कि देश की प्रमुख रेल (जैसे मुंबई राजधानी, अगस्त क्रांति) सहित सभी प्रीमियम रेल में दी जाने वाली ब्लैक(Black) और ब्राउन (Brown) ब्लैंकेट की सफाई रोजाना न होकर महीने में एक बार होती है। वहीं सफेद रंग के कंबल को रोज बदला जाता है

अगर भारतीय रेल के जवाब पर नज़र डाले तो पता चलता है कि महीने दिन में प्रीमियम अथवा राजधानी रेल औसतन 83 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करती है और तब तक ब्लैंकेट को केवल एक बार धोया जाता है।

स्पेशल डेस्क
कोशी की आस@नई दिल्ली

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