मैथमेटिक्स गुरु फेम आर के श्रीवास्तव को उत्तराखंड में कोचिंग देने को त्रिवेंद्र रावत सरकार ने दिया न्यौता

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मैथमेटिक्स गुरु फेम आर के श्रीवास्तव इन दिनों सुर्खियों में छाए है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुँचे आर के श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की, तो रावत ने उनसे उत्तराखंड आकर प्रदेश के मेधावी छात्रों को कोचिंग देने का न्यौता दे दिया। श्रीवास्तव के नाईट क्लासेज प्रारूप (पूरे रात लगातार 12 घण्टे) को भी उत्तराखंड में लागू करने की बात मुख्यमंत्री ने की। मुख्यमंत्री रावत ने इसके लिए विशेष पेशकश करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कार्य में उनकी हरसंभव मदद करेगी। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक कर सफलता दिलाने में नाईट क्लासेस प्रारूप इन दिनों देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बताते चले कि आर के श्रीवास्तव के निःशुल्क शैक्षणिक कार्यशैली और नाईट क्लासेज प्रारूप के तहत पूरे रात लगातार 12 घण्टे जादुई तरीके से पढ़ाने की कला ने, सैकड़ो असहाय, गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्टित संस्थाओ में सफलता दिलाकर उनके सपने को पंख लगाया।

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बिहार के गरीब बच्चों को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्टित इंजीनियरिंग कॉलेजो में पहुंचाने वाले आर के श्रीवास्तव से ही प्रेरित होकर बहुत सारे संस्थाए इनके शैक्षणिक कार्यशैली को अपना रहे हैं। चाहे वह स्टूडेंट्स को शपथ दिलाकर शिक्षा के लिए प्रेरित करना हो या पूरे रात लगातार 12 घण्टे जादुई तरीके से गणित का गुर सिखाना हो।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आर के श्रीवास्तव द्वारा गरीब पृष्ठभूमि के मेधावी विद्यार्थियों को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश की प्रतिष्टित संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग देकर उनका भविष्य निर्माण करने जैसे पुनीत कार्य के लिए श्रीवास्तव की सराहना की। मुख्यमंत्री ने आर के श्रीवास्तव को उत्तराखंड आकर यहाँ के ऐसे मेधावी छात्रों, जिनकी आर्थिक स्थिति महंगी कोचिंग हासिल करने की नहीं है, उन्हें भी प्रेरित करने एवं प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग देने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कार्य में उनकी हरसंभव मदद करेगी। मुख्यमंत्री से मिले प्रतिनिधिमंडल में आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक आंगन से निःशुल्क कोचिंग हासिल कर विभिन्न क्षेत्रों में अलग मुकाम हासिल करने वाले छात्र भी शामिल थे।

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