National Mathematics Day 2019: आर्यभट्ट के साथ-साथ बिहार के इन बेटों ने भी गणित में रौशन किया देश का नाम

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स्पेशल डेस्क

कोसी की आस@पटना

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गणित की चर्चा होते ही बिहार का नाम सबसे पहले आता है। बिहार के कई बेटों ने गणित में प्रदेश का नाम देश के साथ विदेशों में भी रोशन किया है। आर्यभट्ट ने जीरो का फर्मूला दिया।

खगोलीय क्षेत्र में बिहार का नाम रोशन होने के बाद गणित के कई विद्वान हुए। 70 के दशक में अमेरिका तक बिहार को पहचान देने वाले बशिष्ठ नारायण सिंह का नाम आज भी हर कोई लेता है।

वहीं वर्तमान में पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. केसी सिन्हा को गणित का हर छात्र जानता है। आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव उन बच्चों की प्रतिभा के लिए रास्ता बना रहे हैं, जो इंजीनियरिंग कॉलेज तक पहुंचना चाहते हैं।

अमेरिका तक बनायी पहचान : गणित के क्षेत्र में अगर सबसे पहला नाम आयेगा तो गणितज्ञ बशिष्ठ नारायण का। नेतरहाट विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद बशिष्ठ नारायण ने पटना साइंस कॉलेज में तीन साल के स्नातक की डिग्री महज दो साल में ले ली। अमेरिका में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की मेधा सूची में पहले स्थान पर आकर बशिष्ठ नारायण ने ज्योमेट्री पर रिसर्च शुरू किया।

अमेरिका में रहते हुए वे कई कंप्यूटरों के फेल होने पर गणना करके उन्हें ठीक करते थे। उनके गणित के शिक्षक मंगलदेव पांडेय ने बताया कि अपनी मेहनत से वे जीनियस बने।

पहचान बन चुके हैं केसी सिन्हा : गणित की 60 से अधिक किताबें लिख चुके केसी सिन्हा ने गणित को आसान बना दिया, गणित से डरने वाले बच्चे भी गणित पढ़ने लगे। केसी सिन्हा के गणित की किताबों में हर सवाल बहुत आसानी से समझाया गया है। केसी सिन्हा ने बताया कि इंटर स्तर पर किताब पसंद होने के बाद प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए गणित की किताब निकाली जायेगी।


गणित पढ़ाने के दीवानगी का नाम है आरके श्रीवास्तव—-

जादुई तरीके से खेल-खेल में सिखाते हैं गणित का गुर

12 घण्टे स्टूडेंट्स बिना किसी तनाव के एन्जॉय करते हुए हल करते हैं गणित के प्रश्न

स्पेशल नाईट क्लासेज प्रत्येक शनिवार को लगातार चलता है 12 घण्टे बिना रुके

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है नाम

सफलता किसे अच्छी नही लगती है और लोग सफल होने के लिए रात दिन मेहनत भी करते है ऐसे में जिनके इरादे और हौसले बुलंद हो तो निश्चित ही वे लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है और सबके लिए सफलता की एक नई मिशाल पेश करते है। तो चलिए आज हम आप सबके बीच कुछ ऐसे ही सफल लोगों के बारे में बात कर रहे है जिनसे आप भी जरुर प्रेरित होंगे।

“कोशिश जारी रख,
जरूर सफल तेरा काम होगा।
तू बस धैर्य बांधे रख,

शीर्ष पर तेरा भी नाम होगा।”

यह शायरी मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव पर सौ प्रतिशत सटीक बैठती है।आरके श्रीवास्तव यानी गणित पढ़ाने का दीवाना, पूरी रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाते, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव मशहूर है कि वे जादुई तरीके से खेल-खेल में गणित का गुर सिखाते है। चुटकले सुनाकर खेल-खेल में पढ़ाते हैं। गणित के मशहूर शिक्षक मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से गणित पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पढ़ाई की खासियत है कि वह बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते हैं। सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले बनाकर सवाल हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है। गणित के लिये इनके द्वारा चलाया जा रहा निःशुल्क नाईट क्लासेज अभियान पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाना कोई चमत्कार से कम नही। सबसे बड़ी बात है कि वैसे स्टूडेंट्स जिन्हें गणित के नाम से ही डर लगता है परंतु वे आरके श्रीवास्तव के क्लास में जब शिक्षा ग्रहण करते है तो वे गणित के हौवा को भूल जाते है। स्टूडेंट्स अगले दिन भी यह कहते है कि हमे आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लासेज में पूरे रात लगातार 12 घण्टे गणित पढ़ना है। पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स बिना किसी तनाव के एन्जॉय करते हुए गणित के प्रश्नों को हल करते है।

उनके इस क्लास को देखने और उनका शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिए कई विद्वान इनका इंस्टीटूट देखने आते है। नाईट क्लासेज अभियान हेतु स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने और गणित को आसान बनाने के लिए यह नाईट क्लासेज अभियान अभिभावकों को खूब भा रहा। स्टूडेंट्स के अभिभावक इस बात से काफी प्रसन्न दिखे की मेरा बेटा बेटी जो ठीक से घर पर पढ़ने हेतु 3-4 घण्टे भी नही बैठ पाते, उसे आरके श्रीवास्तव ने पूरे रात लगातार 12 घण्टे कंसंट्रेशन के साथ गणित का गुर सिखाया। आपको बताते चले कि अभी तक आरके श्रीवास्तव के द्वारा 200 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को निःशुल्क गणित की शिक्षा दी जा चुकी है जो अभी भी जारी है।

वैसे आरके श्रीवास्तव का प्रतिदिन क्लास में तो स्टूडेंट्स गणित का गुर सीखते ही है, परंतु यह स्पेशल नाईट क्लासेज प्रत्येक शनिवार को लगातार 12 घण्टे बिना रुके चलता है। इसके लिए आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है। आरके श्रीवास्तव गणित बिरादरी सहित पूरे देश मे उस समय चर्चा में आये जब एक चैलेंज के दौरान इन्होंने क्लासरूम प्रोग्राम में बिना रुके पाइथागोरस थ्योरम को 50 से ज्यादा अलग-अलग तरीके से सिद्ध करदिखाया। आरके श्रीवास्तव ने कुल 52 अलग-अलग तरीको से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। जिसके लिए इनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन में दर्ज चुका है।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन के छपी किताब में यह जिक्र भी है कि बिहार के आरके श्रीवास्तव ने बिना रुके 52 विभिन्न तरीकों से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। इसके लिए ब्रिटिश पार्लियामेंट के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने आरके श्रीवास्तव को इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाये भी दिया। इसके अलावा आरके श्रीवास्तव संख्या 1 क्या है?, पर शैक्षणिक सेमिनार में घण्टो भाषण देकर अपने प्रतिभा से बिहार को गौरवान्वित कराया।

सीबीएसई ने गणित को दो भागों में बांटा
सीबीएसई की मानें तो पिछले तीन सालों में बोर्ड परीक्षा में गणित में सबसे कम रिजल्ट हुआ है। 10वीं बोर्ड के गणित विषय में 70 फीसदी छात्र पास कर पाए हैं।

गणित में छात्रा की कम रुचि को देखते हुए, 2020 की बोर्ड परीक्षा से सीबीएसई ने गणित को दो भागों में बांट दिया है। कम रुचि रखने वालों के लिए बेसिक गणित और रुचि रखने वाले को स्टैंडर्ड गणित दिया गया। बिहार के 70 फीसदी बोर्ड परीक्षार्थी ने बोर्ड परीक्षा के लिए बेसिक गणित को चुना है।

बोले स्कूलों के शिक्षक-
गणित के फार्मूले से बच्चे भागते हैं। गणित में कांसेप्ट की जरूरत होती है। यहां पर रटने से काम नहीं चलता है। ऐसे में कई छात्र गणित विषय नहीं पढ़ना चाहते हैं।

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