स्पेशल डेस्क
कोशी की आस@पटना।
बिहार के आरके श्रीवास्तव और यूपी के अलख पांडेय अपने शैक्षणिक कार्यशैली के चलते आज लाखों छात्रों के रॉल मॉडल बन चुके हैं।
#आरके श्रीवास्तव:-
आइये जानते हैं पहले बिहार के बिक्रमगंज, रोहतास के आरके श्रीवास्तव के अनोखे अंदाज की शैक्षणिक कार्यशैली, जिसे देश के अनेकों शैक्षणिक संस्थाओं के शिक्षक अपना रहे हैं। बिहार के इस शिक्षक के पढ़ाने का तरीका दुनियाभर में मशहूर हो रहा है और लोगों की प्रशंसा बटोर रहा है। सोशल मीडिया पर अपने शैक्षणिक कार्यशैली के लिए रोहतास जिले के बिक्रमगंज के आरके श्रीवास्तव खुब सुर्खिया बटोर रहे हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी आर के श्रीवास्तव का नाम दर्ज है। इनके द्वारा चलाया जा रहा गणित का नाइट क्लासेज अभियान और कबाड़ की जुगाड़ से गणित पढाना पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। बच्चों को गणित की क्रियात्मक शिक्षा देने की एक अनोखी पहल इन्होंने शुरू की है।
चुटकुले सुनाकर खेल-खेल में गणित पढ़ाते दिखे,
गणित के मशहूर शिक्षक और मैथेमैटिक्स गुरू फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से गणित पढाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पढाई की खासियत है कि बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते है। समाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले सुनाकर खेल-खेल में गणित को हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है। आमतौर पर शिक्षा स्तर का गिरावट का सबसे बड़ा खामियाजा इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे तकनीकी विषयो की पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। जिन्हें कोचिंग के लिए लाखों रुपये देने पड़ रहे है। पिछले कई वर्षो से आरके श्रीवास्तव ने शिविर लगाकर इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हजारो गरीब स्टूडेंट्स को नाईट क्लासेज प्रारूप के माध्यम से पूरे रात लगातार 12 घण्टे तक गणित के सवाल हल करने की नई -नई तकनीको और बारीकियों की जानकारी दे रहे। गणित में इनके द्वारा चलाया जा रहा नि:शुल्क नाइट क्लासेज अभियान पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूरे रात लगातार 12 घंटे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाना किसी चमत्कार से कम नहीं। आपको बताते चलें कि अभी तक आरके श्रीवास्तव के द्वारा 251 क्लास से भी अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घंटे निःशुल्क गणित की शिक्षा दी जा चुकी है, जो अनवरत जारी है। यूँ तो आरके श्रीवास्तव के प्रतिदिन क्लास में तो स्टूडेंट्स गणित का गुर सीखते ही हैं, परंतु यह स्पेशल नाइट् क्लासेज जो पूरी रात लगातार 12 घंटे चलता है, इसकी चर्चा सोशल साइट पर खुब हो रहा कि आख़िर कैसे पूरे रात लगातार 12 घंटे गणित की शिक्षा दी जा रही है। इसकी काफी प्रशंसा भी लोगों के द्वारा मिल रहा है।
इस क्लास को देखने और उनका शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिये कई विद्वान उनका इन्स्टीट्यूट देखने आते हैं। नाईट क्लासेज अभियान हेतू स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करना और गणित को आसान बनाने के लिए यह नाईट क्लासेज अभियान अभिभावको को खुब भा रहा है। स्टूडेंट्स के अभिभावक इस बात से काफी प्रसन्न दिखते हैं कि मेरे बेटा-बेटी ठीक से घर पर पढ़ने हेतू 3-4 घंटे भी नहीं बैठ पाते उसे आरके श्रीवास्तव ने पूरे रात 12 घंटे पूरे कंसंट्रेशन के साथ गणित का गुर सिखाया।
उनका दावा है कि इस शिविर में पढ़ाई करने वाले में से प्रत्येक वर्ष 60% से अधिक छात्र-छात्राएं आईआईटी, एनआईटी, एनडीए सहित तकनीकी प्रवेश परीक्षाओं में सफल होते हैं। छात्रों के इस नाईट क्लासेज शिविर की ओर आकर्षित होने के चलते आज वे हजारो स्टूडेंट्स के रोल मॉडल बन चुके हैं। मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव न सिर्फ बिहार में लोकप्रिय है बल्कि अपने गणित पढ़ाने के जादुई तरीके एवं गणितीय शोध के लिए प्रायः सुर्खियों में भी रहते है।
कबाड़ की जुगाड़ से 100 से अधिक चर्चित गणित के सूत्रो को सिद्ध कर चुके है। क्लासरूम प्रोग्राम में पाइथागोरस प्रमेय को 50 से ज्यादा तरीको से सिद्ध कर आरके श्रीवास्तव ने गणित विरादरी में काफी वाहवाही लुटा। गूगल बॉय कौटिल्य पंडित के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता है।
मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक आँगन में स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष अग्नि के सामने शपथ दिलवाया जाता है। स्कूल और कोचिंग के अलावा कम-से-कम 7 से 8 घण्टे तक सेल्फ स्टडी करने हेतु शपथ दिलवाया जाता है। इसके अलावा स्टूडेंट्स यह भी शपथ लेते है कि मैं अपने माता-पिता के आशाओं के अनुरूप या उससे बेहतर परिणाम देने का प्रयास करूंगा तथा विद्यार्थियों द्वारा यह भी वचन दिया जाता है कि हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए प्रयत्नशील रहूंगा। शपथ पत्र के अंत में सभी स्टूडेंट्स “सत्य मेव जयते” बोलते है।
बिहार का मान सम्मान को विश्व पटल पर बढ़ाने वाले मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव ने अपने शैक्षणिक बगिया से सैकड़ो गरीब प्रतिभाओ के सपने को आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई में सफलता दिलाकर लगा चुके है पंख। अमेरिकी विवि डॉक्टरेट की मानद उपाधि से कर चुका है सम्मानित।
बीते लगभग 10 वर्षों से गरीब बच्चों को गणित पढ़ा रहा एक नौजवान प्रतियोगिता का दौर, गिरती शिक्षा स्तर और स्टूडेंट्स की मजबूरी–शायद इन्हीं कारणों से कोचिंग संस्थानों का बाजार गर्म है। लेकिन बाज़ारीकरण के इस दौर में भी बिहार के युवा गणितज्ञ मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव के लिए शिक्षा कोई ‘बजारू’ चीज नहीं है। वे छात्रों का भविष्य सवारने और कोचिंग संस्थानों को करारा जवाब देने के लिए पिछले 10 वर्षो से सिर्फ 1 रुपया गुरू दक्षिणा में गणित की शिक्षा दे रहे है।
फिलहाल वह गरीब छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने में जुटे हुए है। उनके इस प्रयास से प्रभावित होकर अलग-अलग क्षेत्रों के उच्चे ओहदे के कुछ लोगो ने शिविर में अतिथि शिक्षक के बतौर छात्र- छात्राओ को पढ़ाया। बकौल आरके श्रीवास्तव कहते है की गणित की शिक्षा देना मेरा पेशा नहीं बल्कि शौक है, व्यवसायिक शिक्षण में छात्र- छात्राओं और शिक्षकों के बीच परस्पर प्रेम और विश्वास का संबंध नहीं रह पाता।
आर के श्रीवास्तव को देश के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक संस्थाएँ गेस्ट फैक्लटी के रूप मे अपने यहाँ शिक्षा देने के लिए बुलाती है। शिक्षक भी बच्चों के साथ आर के श्रीवास्तव के क्लास लेने के तरीकों को समझने के लिए क्लास मे बैठते है की कैसे पूरे रात अनुशासन मे बच्चों को पढ़ाया जा सकता है।
क्लास देखकर बच्चे सहित शिक्षक भी श्रीवास्तव को धन्यवाद देते हुए बोलते हैं कि वपढ़ाने की ऐसी कला सारे शिक्षकों में आ जाये तो कोई बच्चा शिक्षा से अपने को दूर नही कर पायेगा और सफलता उसके कदम चूमेगी। रोहतास निवासी आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी जो नौंवी और दसवी तक आते-आते परवान चढ़ी। आर के श्रीवास्तव का बचपन भी काफी गरीबी से गुजरा है, परन्तु अपने कड़ी मेहनत, ऊँची सोच, पक्के इरादे के बल पर आज पूरे देश में मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। वे कहते हैं कि मेरे बचपन के हालात जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग तरीक़े से हल करना भी सिखाते हैं। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते है।
महान गणितज्ञ रामानुजम है आदर्श —
आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग – अलग मेथड से हल करना भी सिखाते है। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते है। रामानुजम और वशिष्ठ नारायण को आदर्श मानने वाले आरके श्रीवास्तव कहते हैं कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के युग में गणित की महत्ता सबसे अधिक है। इसलिए इस विषय को रुचिकर बनाकर पढ़ाने की जरुरत है।
आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री सहित राजनेताओं, सेलिब्रिटियों का समर्थन मिला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके है। मैथमेटिक्स गुरु के नाम से राष्ट्रपति ने आरके श्रीवास्तव को शैक्षणिक मीटिंग के दौरान संबोधित भी किया है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, फ़िल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, बिहार के शिक्षा मंत्री सहित पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, योग गुरु बाबा रामदेव, राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, द ग्रेट खली, बरिष्ठ पत्रकार पदम श्री रामबहादुर राय, ओलम्पिक पदक विजेता योगेस्वर दत्त सहित देश के दर्जनों प्रतिष्टित लोग आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रसंशा अनेकों बार कर चुके है। 2017 में हरियाणा सरकार की मंत्री कविता जैन ने आरके श्रीवास्तव को उनके द्वारा दिये जा रहे बेहतर शिक्षा के लिए सम्मानित भी किया है।
पुरस्कार –
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन से सम्मानित। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज। बेस्ट शिक्षक अवार्ड , इंडियन एक्सीलेन्स प्राइड अवार्ड, ह्यूमैनिटी अवार्ड, युथ आइकॉन अवार्ड, राष्ट्र गौरव सम्मान सहित उन्हें कई सारे प्रतिष्टित पुरस्कार भी मिल चुके है ।
#अलख पांडेय—-
प्रयागराज के अलख पांडे यूट्यूब पर फ्री फिजिक्स और केमिस्ट्री कोचिंग के वीडियो डालकर भारत समेत दुनिया के कई देशों में फेमस हो गए हैं। अलख पांडे फिजिक्स और केमिस्ट्री विषयों की फ्री ऑनलाइन कोचिंग देते हैं।
उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर महज 2 सालों में 1.94 मिलियन सब्सक्राइबर जुटा लिए हैं। अलख की वीडियो की लोकप्रियता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि उनकी वीडियो पर अब तक 22 मिलियन व्यूज से भी ज्यादा व्यूज आए है।
उनके यूट्यूब चैनल का नाम है ‘Physics Wallah – Alakh Pandey’। दुनिया के फेमस ऑनलाइन गुरुओं में अलख भी शामिल हो गए हैं।
इंजीनियरिंग-मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच अलख पसंदीदा ऑनलाइन ट्यूटर बने हुए हैं। करीब तीन साल से वीडियो अपलोड कर फिजिक्स और केमेस्ट्री की तैयारी करवा रहे अलख वर्तमान में यू-ट्यूब पर सबसे चर्चित शिक्षकों में शुमार हैं। जेईई-मेन्स, जेईई-एडवांस्ड, इंजीनियरिंग प्रवेश की अन्य परीक्षाओं के साथ ही नीट व मेडिकल प्रवेश की तैयारी करने वाले देश-दुनिया के औसतन 2.20 करोड़ छात्र-छात्राएं हर महीने उनके वीडियो देखते हैं। मेडिकल के छात्र उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उनकी फिजिक्स थोड़ी कमजोर होती है और अलख बेहतर तरीके से इसे समझाते हैं।
Youtube से मिल चुका है सम्मान
फिजिक्स वाला नाम से उनके चैनल को यू-ट्यूब की ओर से ‘गोल्ड प्ले बटन’ सम्मान मिल चुका है, जो 10 लाख सब्सक्राइबर होने पर दिया जाता है। वर्तमान में उनके चैनल के 18 लाख सब्सक्राइबर हैं। उनके लेक्चर मुख्य तौर से एनसीईआरटी ( NCERT ) के सिलेबस पर आधारित होते हैं।
फिजिक्स और केमेस्ट्री से जुड़े छोटे-छोटे सिद्धांतों एवं फार्मूले को वह इतनी अच्छी तरह से समझाते है कि कई बार स्कूल-कोचिंग के टीचर तक बच्चों को अलख के वीडियो देखने की सलाह देते हैं। अलख अलग से कोचिंग नहीं पढ़ाते। छात्र-छात्राओं की मदद के लिए उन्होंने अपनी वेबसाइट भी बना रखी है। वेबसाइट पर नि:शुल्क नोट्स, किताबें, क्विज उपलब्ध करा रहे हैं।
अलख बताते हैं – ‘मैं अपने परिवार के साथ दक्षिण मलाका में रहता था। घर की पैसों की तंगी थी, ऐसे में हर लोग घर बेचकर कालिंदीपुरम शिफ्ट हो गए। 2010 में प्रयागराज में बिशप जॉनसन स्कूल और कॉलेज से 12वीं पास करने के बाद मैंने इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी शुरू कर दी। तब मैंने जाना की कोचिंग लेना कितना महंगा है। इसके बाद सेल्फ स्टडी ही की।’
अलख ने बताया कि मुझे 40 से 50 मिनट का वीडियो बनाने में 6 घंटे लगते हैं। मैं हर माह 28 वीडियो अपलोड करता हूँ। वीडियो से कोचिंग देने का सबसे बड़ा अंतर यह है कि वीडियो देख रहे स्टूडेंट्स अपने डाउट्स क्लियर करने के लिए उसी वक्त सवाल नहीं पूछ सकते। इसलिए वीडियो बनाते समय आपको उन संभावित सवालों का अनुमान लगाना होगा जो एक छात्र के पास हो सकते हैं।
अलख पांडे के अनुसार उन्होंने अब तक देश भर के कई कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के कई ऑफर ठुकरा चुके हैं।