वीर को नमन

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सत्य कर्म से तुमने,
कठिन कर्म से तुमने,

वीर धरा पर कहलाया है,
सत्य की राह पर चल कर,
ध्वजा फहराया है,

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चलते रहना यूँ ही कर्म पथ पर,
अडिंग रहना यूँ ही सत्य वचन पर,

तेरी ही दम पर अमन शांति है धरा पर,
तू ही तो भारत माँ का शान है धरा पर,

हम सब का अभिमान है तू धरा पर,
उस माँ को नमन है हमारा जिन्होंने
बनाया तुझे महान है धरा पर,

जय हिंद जय भारत माता।

  • स्वरचित मौलिक
    करुणा सिंह कल्पना
    रांची झारखंड।
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