आइये जानते हैं कब और कैसे शुरुआत हुई अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की, जानें google ने क्या थीम रखा है 2020 में

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वैसे तो हर वर्ष हम आज के दिन महिलाओं के सम्मान, हक और उनकी उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे रहीं हैं। जिन चीजों को लेकर 19वीं शदी में इस मुहिम की शुरुआत हुई थी शायद 21वीं शदी आते आते हम उसके करीब पहुंच चुके हैं। करीब शब्द मैं इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूं क्योंकि अभी और भी बहुत कुछ करना है हमें महिलाओं के सम्मान के लिए।

आज भी हमलोग न्यूज़पेपर, टेलीविजन, सोशल साइट, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, आदि पर महिलाओं के शोषण, बलात्कार, और उन पर हो रही अत्याचार से जुड़ी बातें सुनते रहते हैं। जब तक हम इन सभी विषयों पर ध्यान नहीं देंगे, शायद आज के दिन हम आप सिर्फ महिलाओं के सम्मान में दो-चार संगोष्ठी, अच्छे अच्छे भाषण , महिलाओं के सम्मान में दो-चार अच्छे dp लगाने से कुछ हाशिल नहीं होगा। हमें इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना होगा कि आखिर इनके साथ आज भी शोषण क्यों हो रहा है। हालांकि बहुत सारी सरकारी संस्थायें, NGO आदि भी इनसे जुड़ी घटनाएं/समस्याओं पर नजर रखतीं है और उनका निबटारा जल्द से जल्द करने का प्रयास करती है।

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विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन यह भी याद दिलाता है कि कैसे महिलाओं ने कई सामाजिक व अन्य बाधाओं को पार करते हुए मुकाम हासिल किए और लगातार कर रही हैं। यह सबसे पहली बार 1909 में मनाया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 से मनाना शुरू किया।

गूगल द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 पर इस बार का थीम है, मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं। (I am Generation Equality: Realizing women’s Rights). इस मौके पर दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन गूगल ने डूडल वीडियो महिला दिवस पर समर्पित किया है। इस एनिमेटेड वीडियो में नारी शक्ति और उनके योगदान को बखूबी दिखाया गया है। इस बार का थीम है, मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं (I am Generation Equality: Realizing women’s Rights) है। बताते चलें कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर’ थी।

कब और कैसे हुई थी शुरुआत:-

इतिहास के मुताबिक पहली बार वर्ष 1909 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। लेकिन इसे मनाने के पीछे एक खास मकसद रहा। दरअसल साल 1908 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की कुल 15 हजार महिलाओं ने वोटिंग करने की अपनी मांग के चलते एक मोर्चा निकाला। वे चाहती थीं कि जिस तरह से पुरुषों को अपने देश की

सरकार चुनने के लिए हक है ठीक इसी प्रकार उन्हें भी यह हक दिया जाए। जर्मनी की इन महिलाओं का यह मोर्चा सफल रहा और ठीक एक साल बाद जब अमेरिका में सोशलिस्ट सरकार बनी तो उन्होंने वर्ष 1909 में 28 फरवरी का एक दिन महिलाओं को समर्पित करते हुए ‘महिला दिवस’ के रूप में मनाया। ठीक एक साल बाद जर्मनी में क्लारा जेटकिन ने साल में एक दिन को महिला दिवस के रूप में समर्पित करने का सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों को याद करने के लिए एक ऐसा दिन निर्धारित करना चाहिए जब हम उनके हक में आवाज उठा सकें। इसके बाद एक कांफ्रेंस में 17 देशों की जानी मानी 100 महिलाओं ने अपनी सहमती जताई और आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना हुई। 19 मार्च 1911 को पहली बार कुल तीन देशों – डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। दो साल बाद साल 1913 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में नियुक्त कर देने का फैसला किया गया। तब से अब तक इसी दिन को महिलाओं के सम्मान, उनके हक और उनके पक्ष में आवाज उठाने के रूप में मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 से मनाना शुरू किया।

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