रितेश : हन्नी
कोसी की आस@सहरसा
जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सरोजा गांव निवासी खगड़िया जिले के पसराहा थाना में पदस्थापित शहीद दरोगा आशिष सिंह के पैतृक आवास पर प्रथम पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर के साथ निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम लोगों ने शहीद आशिष सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरांत सभी उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन् किया गया और मृत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया। जांबाज शहीद दरोगा आशीष सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि शहीद आशिष एक जाबांज पुलिस अधिकारी थे, उन्होंने पिछे मुड़ना स्वीकार नहीं किया। ऐसे अफिसर की पुलिस को हमेशा दरकार रहेगी। वे सच्चे सिपाही की तरह वीरगति को प्राप्त किए। उनकी शहादत हमेशा याद रखी जाएगी।
शहीद के पैतृक आवास परिसर में आयोजित स्वास्थ शिविर में जिला के कई वरिष्ठ डाक्टरगण ने भाग लिया। ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ० आई डी सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ गणेश कुमार, डॉ० शैलेंद्र कुमार, डॉ० प्रमोद प्रभाकर, डॉ० कोमल गुप्ता, डॉ० अजय कुमार सिंह, डॉ० रंजीत मिश्रा, डॉ० सुनीत रंजन आदि ने स्वास्थ शिविर में मरीजों की जांच की।
मौके पर गाँव के दर्जनों युवाओं ने रक्तदान भी किया। रक्तदान करने वाले युवकों का मुख्य उद्देश्य रक्त की कमी वाले जरूरतमंद लोगों की जान बचायी जा सके। यहाँ बताते चलें कि शहीद दरोगा आशिष सिंह एक वर्ष पूर्व खगड़िया जिले के पसराहा थाना में पदस्थापित थे 12 अक्टूबर 2018 की देर रात भागलपुर नवगछिया के सीमावर्ती दियारा में कुछ अपराधिक गिरोह होने की सूचना मिली थी। दिवंगत आशीष पुलिस बलों के साथ मौके पर पहुंचे। छापेमारी के दौरान अपराधियों एवं पुलिस के बीच मुठभेड़ शुरू हो गया। ज्ञात हो कि पुलिस ने इस मुठभेड़ में एक बदमाश को मार गिराया, लेकिन दुर्भाग्यवश अपराधियों द्वारा चलाए गए एक गोली ने शहीद दरोगा को लग गई, जिसमें वो शहीद हो गए।
शहादत को एक वर्ष बीतने को है लेकिन पुलिस इस घटना के मुख्य आरोपी दिनेश मुनि को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है, अपराधी अबतक पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि कबतक शहीद दरोगा के हत्यारोपी को पुलिस गिरफ्तार कर पाती है। उनके प्रथम पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि वही होगी।